न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): जैसे ही साल 2021 की जुलाई ने देश में दस्तक दी तो हमने पाया कि भारत में महंगाई (Inflation In India) ने कुछ सबसे अहम और रोज़ाना की जरूरत वाले उत्पादों की कीमतों पर सीधा और भारी असर डाला। ये मूल्य वृद्धि निश्चित रूप से आम आदमी के मासिक बजट पर सीधा असर डालेगी। जो कि पहले से ही कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के आर्थिक प्रभावों से जूझ रहा है।
1 जुलाई मध्यम वर्ग पर एक अतिरिक्त बोझ लेकर आया है क्योंकि अमूल दूध की कीमतें बढ़ा दी गई हैं, एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में भी इज़ाफा देखा गया। इसके साथ ही एसबीआई ने संशोधित विड्रॉल और चेक बुक अनुरोध पर शुल्क लागू कर दिये।
यहां हम ये समझने की कोशिश करते हैं कि ये मूल्य वृद्धि आपके घरेलू बजट को कैसे प्रभावित करेगी। लेकिन इससे पहले कि हम इस बात पर विचार करें कि किन वस्तुओं की कितनी और कीमतें बढ़ाई गयी हैं, हम ये समझने की कोशिश करते हैं कि मध्यम वर्ग के लिये इसके क्या मायने है।
मध्यम वर्ग पर असर
दूध इस देश में रोजमर्रा की जरूरत का अहम हिस्सा है। भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा सुबह और शाम की चाय दूध के साथ पीना पसंद करते हैं, बच्चे हर दिन पूरक आहार (Dietary Supplements) दूध लेते है। आमजन दूध की चाय परोसते हैं, मेहमानों को कॉफी परोसना आम मामला है। भारतीय नाश्ते में दूध के साथ कॉर्नफ्लेक्स और ओट्स खाते हैं और ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो दूध से तैयार की जाती हैं। इसलिए दूध की कीमत में वृद्धि निश्चित रूप से इस देश के हर घर के बजट को प्रभावित करने वाली है।
अब एलपीजी सिलिंडर की बात करते हैं। इस देश में लगभग हर घर एलपीजी गैस का इस्तेमाल करके खाना बनाता है। इसका मतलब ये है कि एलपीजी की कीमत में बढ़ोत्तरी का सीधा असर घरेलू बजट पर पड़ेगा, वो भी ऐसे समय में जब बहुत से लोग महामारी के दौर में लॉकडाउन के कारण व्यवसाय की कमी और आय में गिरावट के संकट से जूझ रहे है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें पहले ही अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं, हालांकि तेल कंपनियों ने गुरुवार (1 जुलाई 2021) को ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं करते हुए उपभोक्ताओं को राहत दी। दूसरी ओर भारतीय स्टेट बैंक ने नकद निकासी और चेक बुक शुल्क में भी संशोधन किया।
एलपीजी गैस की कीमतों में वृद्धि
1 जुलाई से गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गयी। 14.2 किलोग्राम वजन वाले घरेलू सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 834.50 रुपये होगी। 19 किलो के सिलेंडर की कीमत में भी 76 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है और दिल्ली में इसकी कीमत 1,550 रुपये होगी।
मुंबई और कोलकाता में भी कीमत 834.50 रुपये प्रति सिलेंडर होगी, जबकि चेन्नई में गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 850.50 रुपये होगी। एलपीजी की कीमतों में हर महीने की शुरुआत में संशोधन किया जाता है और 1 जुलाई से नवीनतम बढ़ोतरी के साथ अब पिछले छह महीनों में एलपीजी की कीमतों में 140 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई है।
एलपीजी पूरे देश में केवल बाजार मूल्य पर उपलब्ध है, हालांकि सरकार उपभोक्ताओं के एक चुनिंदा समूह (Selected Group) को सब्सिडी प्रदान करती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमत
एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के साथ हुई है जो कई मेट्रो शहरों में तीन अंकों के आंकड़े की ओर बढ़ रही है। हालांकि तेल कंपनियों ने गुरुवार को उपभोक्ताओं को भारी राहत दी, ईंधन की कीमतों में बदलाव ना करते हुए कीमतों में ठहराव पाया गया। ये ठहराव मई और जून के बीच 61 में से 32 दिनों के दौरान दरों को संशोधित करने के बाद आया है।
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 98.81 रुपये प्रति लीटर है, जो कि बीते 60 दिनों में 8.41 रुपये प्रति लीटर की सबसे तेज उछाल है। इसी तरह दिल्ली में डीजल की कीमतें भी पिछले दो महीनों में 8.45 रुपये प्रति लीटर बढ़कर 89.18 रुपये प्रति लीटर हो गयी।
अमूल दूध की कीमतों में बढ़ोतरी
1 जुलाई से अमूल दूध के सभी ब्रांडों की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हो गयी। अमूल ने करीब एक साल सात महीने के अंतराल के बाद दूध के दाम में बढ़ोतरी की है। नई कीमतें सभी अमूल दूध ब्रांडों जैसे गोल्ड, ताजा, शक्ति, टी-स्पेशल, साथ ही गाय और भैंस के दूध पर लागू होगी।
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (Gujarat Co-operative Milk Marketing Federation- GCMF) के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण दूध की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गयी थी।
एसबीआई निकासी शुल्क
भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जुलाई, 2021 से नकद निकासी और चेक बुक शुल्क में संशोधन किया है। चार मुफ्त नकद निकासी लेनदेन (शाखा और एटीएम सहित) से ज़्यादा होने पर शुल्क वसूल किया जायेगा। एसबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि शाखा चैनल/एटीएम पर नकद निकासी लेनदेन पर 15 रुपये प्लस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लगेगा।
इससे पहले वित्तीय वर्ष के दौरान 10 चेक मुफ़्त मिलते है। इसके बाद 10 पन्नों की चेक बुक के लिये अतिरिक्त शुल्क 40 रुपये प्लस जीएसटी, 25 पन्नों की चेक बुक के लिये 75 रुपये प्लस जीएसटी लगता है। इसके साथ ही अब 10 पन्नों या उससे ज़्यादा की आपातकालीन चेक बुक के लिये 50 रूपये जीएसटी कर सहित लगेगें। हालांकि वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों को इससे छूट दी गयी है।