एडवोकेट ने किया फर्जीवाड़ा, Bar Council of Delhi ने कसा शिकंजा

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): कोरोनाकाल में दिल्ली बार काउंसिल (Bar Council of Delhi) अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता मुहैया करवा रहा है ताकि काउंसिल में पंजीकृत एडवोकेट्स को किसी तरह के विपरीत माली हालातों का सामना ना करना पड़े। इसी योजना का नाजायज़ फायदा अधिवक्ता सोनू यादव ने उठाया। जिसे लेकर बार काउंसिल ने सोनू यादव के खिलाफ सख़्त रवैया अख़्तियार कर लिया है।

दिल्ली बार काउंसिल के सूत्रों के मुताबिक, बार काउंसिल की आर्थिक सहायता योजना (Financial Assistance Scheme) का गलत फायदा उठाने के लिये अधिवक्ता सोनू यादव ने फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट दिल्ली बार काउंसिल में दायर की ताकि मदद के मिलने वाले पैसे मिल सके। रिपोर्ट जारी करने वाली लैब से इसका वेरिफिकेशन करवाया गया, जिससे काउंसिल के सदस्यों का पता लगा कि पेश की गयी रिपोर्ट पूरी तरह नकली है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष रमेश गुप्ता के निर्देशों पर जांच समिति की गठन कर दिया गया। काउंसिल के अध्यक्ष के मुताबिक अधिवक्ता सोनू यादव की इस हरकत से वकालत पेशे की शुचिता और गरिमा पर गहरा धब्बा लगा है। इसलिये अनुशासनात्मक समिति (Disciplinary Committee) मामले की वाज़िब जांच कर अपनी सिफारिश दिल्ली बार काउंसिल अध्यक्ष के सामने पेश करेगी।

अनुशासनात्मक समिति के गठन के लिये दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने विशेषाधिकार नियम 43 और अधिवक्ता अधिनियम 1961 के अन्तर्गत बार काउंसिल रूल ऑफ इंडिया के सेक्शन 6(1)(D) का इस्तेमाल किया। तीन सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति में दिल्ली बार काउंसिल सदस्य मुरारी तिवारी और संजय राठी के साथ साथ काउंसिल के मानद सचिव पीयूष गुप्ता (Honorary Secretary Piyush Gupta) को शामिल किया गया।

इसके साथ ही सोनू यादव के खिलाफ कारण बताओ और सस्पेंशन ऑफ एनरोलमेंट नोटिस (Show Cause and Suspension of Enrollment Notice) भी जारी किया गया। इसके साथ ही कथित जालसाज अधिवक्ता सोनू यादव को आगामी 19 जुलाई 2021 को अनुशासनात्मक समिति के सामने पेश होने के लिये फरमान जारी किया ताकि वो भी मामले में अपना पक्ष रख सके।

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