स्पोर्ट्स डेस्क (नरसिम्हन नायर): इटली ने 1968 के बाद पहली बार यूरोपीय चैम्पियनशिप (EURO CUP 2020) पर जीत दर्ज की। रविवार को वेम्बली में इंग्लैंड को पेनल्टी से उलझाकर इटली ने मैच में अपना दबादब बरकरार कर लिया। इस दौरान जियानलुइगी डोनारुम्मा (Gianluigi Donna Jumma) ने दो बार गोल बचाये। अतिरिक्त समय के बाद खेल 1-1 से खत्म होने के बाद अज़ुर्री ने शूटआउट 3-2 से जीत लिया।
गोलकीपर ने जादोन सांचो के गोल से बचाया और निर्णायक रूप से बुकायो साका के बाद मार्कस रैशफोर्ड ने पोस्ट को मारा। फेडेरिको बर्नार्डोस्की, लियोनार्डो बोनुची और डोमेनिको बेरार्डी ने शूटआउट में इटालियंस के लिये सभी शूटआउट को स्कोर में तब्दील किया।
ल्यूक शॉ ने इंग्लैंड को दो मिनट के बाद शानदार गोल के साथ मैच में को बेहतरीन शुरूआत दी। लेकिन इटली जिसने पहले हाफ में एक भी गोल दागने में नाकाम रही। जिसके बाद 67 मिनट के बाद बोनुची ने कमान संभाली और 67 मिनट के बाद स्कोर बराबर पा ला खड़ा किया।
चेकोस्लोवाकिया ने साल 1976 में पश्चिम जर्मनी को हराया और साल 2000 और 2012 के फाइनल हारने के बाद इटली में बेतहाशा जश्न मनाये जाने के बाद से पेनल्टी पर फैसला किया गया। जिसके बाद ये ये ऐसा पहला फाइनल था। इंग्लैंड के कोच गैरेथ साउथगेट के लिये, जो यूरो 1996 में जर्मनी के लिए सेमीफाइनल (semi-finals) में हारने के बाद मौके से चूक गये थे। ये एक और शूटआउट हॉरर शो था।
पेनल्टी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जिन दो खिलाड़ियों को अतिरिक्त समय में देर से भेजा, वे पेनल्टी चूक गये। जैसा कि 19 वर्षीय साका ने किया था, जो अंतिम किक लेने के दबाव में गिर गये। इटली ने अब तक बड़े मुकाबले में से शूटआउट के जरिये 5 मुकाबले जीते और 6 में हार का सामना किया। जिसमें वर्ल्ड के दौरान 1 हार और एक जीत खासतौर से शामिल है जबकि इंग्लैंड का निराशाजनक रिकॉर्ड अब नौ में से सात हारों का है।