स्पोर्ट्स डेस्क (नरसिम्हन नायर): यूरो कप (Euro Cup) 2020 के फाइनल में 11 जुलाई को पेनल्टी शूटआउट में मेजबान इंग्लैंड को इटली के हाथों वेम्बली में हार का सामना करना पड़ा। खिताबी मुकाबले के तुरंत बाद इंग्लैंड के फुटबॉल खिलाड़ी जादोन सांचो, मार्कस रैशफोर्ड और बुकायो साका- को नस्लीय टिप्पणियों (Racial Remarks) का सामना करना पड़ा।
अश्वेत खिलाड़ी पेनल्टी किक से चूक गये जिसके कारण खेल 1-1 से समाप्त होने के बाद इटली ने पेनल्टी पर इंग्लैंड के खिलाफ 3-2 से जीत हासिल की। इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों को इस तरह की नफरत का सामना करने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने बेहद निराशा ज़ाहिर की।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि, "मैं खेल में अपने उतार-चढ़ाव से गुजरा हूं। लेकिन एक टीम के रूप में आप एक साथ जीतते और हारते हैं! दुर्भाग्य से इंग्लैंड हार गया। उस दिन इटली बेहतर टीम थी। सुनकर दुख हुआ। मार्कस रैशफोर्ड, बुकायो साका, जादोन सांचो को लगातार आगे बढ़ना है! वी स्टैंड बाई यू लैड्स! ये मत भूलिये कि खेल एकजुट होने के लिये है, नफरत करने के लिए नहीं!"
सोशल मीडिया पर अराजकता के बाद इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन (एफए) ने एक बयान जारी किया और कहा कि वो सोशल मीडिया पर नेटिज़न्स (Netizens) की हरकतों से "हैरत" में है।
एफए ने अपने बयान में कहा कि, "हम नस्लीय भेदभाव से खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिये हर मुमकिन कोशिश करेंगे और जिम्मेदार शख़्स के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।"
बयान में आगे कहा गया कि, "हम खेल से भेदभाव को खत्म करने के लिये हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे, लेकिन हम सरकार से जल्द से जल्द कार्रवाई करने और उचित कानून लाने की गुज़ारिश करते हैं।