लाइफ स्टाइल डेस्क (योगिता पुष्कर): हाल ही में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये एक अध्ययन सामने आया कि, रोजाना एक कप कॉफी (Coffee) पीने से कोरोना (Covid-19) के सम्पर्क में आने की संभावना कम हो सकती है। साथ ही एक या एक से ज़्यादा कप कॉफी रोजाना पीने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण होने का जोखिम 10 फीसदी तक कम हो सकता है। जो लोग कॉफी नहीं पीते हैं, उनके मुकाबले रोजाना कैफीन युक्त पदार्थ पीने वाले लोगों में गंभीर कोविड-19 संक्रमण की संभावना कम होती है।
अध्ययन में कहा गया है कि कॉफी की खपत सीआरपी, इंटरल्यूकिन -6 (आईएल -6) और ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर I (टीएनएफ-आई) जैसे ट्रिगर करने वाले बायोमार्कर (Biomarkers) के साथ अनुकूल रूप से जुड़ा हुआ है। जो कि कोविड -19 गंभीरता और मृत्यु दर से भी सीधा संबंध रखता है।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन में आगे कहा गया कि “नियमित कॉफी का सेवन बुजुर्गों में निमोनिया के जोखिम को भी कम करता है। कोविड-19 के खिलाफ कॉफी का इम्युनिटी इफेक्ट (Immunity Effect) काफी शानदार है साथ इसकी संभावनायें और भी तलाशने के लिये आगे जांच की जा रही है।
अध्ययन के लिये यूके बायोबैंक में 40,000 वयस्कों के डेटा का मूल्यांकन किया गया। इस अध्ययन ने आहार दिनचर्या और कोविड-19 संक्रमण के बीच रिश्तों का विश्लेषण किया। इस दौरान ये भी पता लगा कि ज्यादा सब्जियां और कम प्रसंस्कृत मांस खाने से भी कोविड-19 के सम्पर्क में आने के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
शोध में कहा गया कि “हमारे नतीज़े इस परिकल्पना (Hypothesis) का समर्थन करते हैं कि पोषण संबंधी कारक प्रतिरक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के संवेदनशीलता पर खासा फर्क पड़ता है। कुछ पोषण संबंधी व्यवहारों का नियमित पालन कर (जैसे सब्जी का सेवन बढ़ाना और संसाधित मांस का सेवन कम करना) वायरस प्रसार के जोखिम को काफी हद कम किया जा सकता है। ये आहार संबंधी नियम मौजूदा कोविड-19 सुरक्षा दिशानिर्देशों के लिए अतिरिक्त उपकरण का काम करते है।
फिलहाल इस अध्ययन के नतीज़ों के लिये स्वतंत्र पुष्टि (Independent Confirmation) की जरूरत है। अध्ययन के लेखकों ने विशिष्ट आहार व्यवहार के विचार को एक अतिरिक्त कारक के रूप में पेश किया, जिसे कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिये मौजूदा वक़्त में अतिरिक्त हथियार माना जा सकता है।