एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान (Taliban) के बीच चल रहे सशस्त्र संघर्ष की कवरेज करने के दौरान फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी मारे गये। मात्र 40 साल की उम्र में उन्होनें फोटो पत्रकारिता जगत के कई बड़े मुकामों को हासिल किया। जिसमें प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार खासतौर से शामिल है। साल 2018 के दौरान वो समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ बतौर फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे।
करियर के शुरूआती दौर में उन्होनें टीवी समाचार संवाददाता के तौर पर काम किया बाद में वो फुल टाइम फोटो जर्नलिज्म के पेशे में चले गये। आज भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने ट्वीटकर उनकी मौत की पुष्टि की, उन्होनें लिखा कि- कल रात (15 जुलाई) कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की ख़बर जानकार बेहद दुख हुआ। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार के विजेता (Pulitzer Prize Winner) अफगान सुरक्षा बलों के साथ जुड़े हुए थे। मेरी उनसे दो हफ़्ते पहले मुलाकात हुई थी, जब मैं काबुल जाने वाला था। उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति संवेदना।
दानिश सिद्दीकी दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से इक्नॉमिक्स में ग्रेजुएट थे। बाद में उन्होंने अपना करियर शुरू करने से पहले साल 2007 में जामिया में एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्युनिकेशन किया। वो साल 2010 में बतौर इन्टर्न रॉयटर्स (Reuters) के साथ जुड़े थे। उनके मौत की खब़र ऐसे हालातों में सामने आयी जब तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच भंयकर जंग चल रही है। तालिबान लगातार अफगानिस्तान के कई प्रांतों में पांव पसारने में लगा हुआ है।