नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक मानसून सत्र (Monsoon Session) से ठीक दो दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो शरद पवार ने आज (17 जुलाई 2021) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों के बीच बातचीत का दौर करीब 50 मिनट तक चला। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीटकर लिखा कि, “राज्यसभा सांसद श्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।”
ये बैठक संसद के मानसून सत्र से दो दिन पहले हो रही है। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। सरकार ने सत्र में पेश करने के लिए 17 नये विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें हाल ही में जारी अध्यादेशों (Ordinances) को बदलने के लिये तीन विधेयक खासतौर से शामिल हैं। दूसरी ओर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार में दरार की खबरों के बीच सियासी प्रकरणों (Political Affairs) में काफी तेजी आयी।
अपने राजनीतिक कौशल (Political Skills) के लिए व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले अनुभवी नेता पवार महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार के मेन आर्किटेक्ट है और उन्हें भाजपा के खिलाफ भविष्य में बनने वाले विपक्षी गठबंधन के अगुवा के तौर पर देखा जा रहा है। 80 वर्षीय वयोवृद्ध शरद पवार को विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं के साथ उनके मधुर संबंधों के लिये भी जाना जाता है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा गठबंधन अन्य दो सहयोगियों शिवसेना और राकांपा पर लगातार कटाक्ष करने के साथ-साथ किसी न किसी मुद्दे पर गठबंधन सहयोगियों (Coalition Partners) के बीच तकरार अक्सर सामने आती रही है। 13 जुलाई को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वो हमेशा राजनीतिक रूप से कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और शरद पवार की राकांपा और ठाकरे की शिवसेना एमवीए (महा विकास अघाड़ी) का हिस्सा होने के साथ साथ सरकार और गठबंधन में सहयोगी है।
उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि, राजनीतिक रूप से मैं कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ रहा हूं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं सरकार में उनके अच्छे काम को गलत कहूंगा। न तो मैंने और न ही बालासाहेब ठाकरे ने ऐसा सोचा था।"
इसके अलावा ये देखा भी गया कि शिवसेना को उसके पूर्व गठबंधन सहयोगी भाजपा के प्रति कई मौके पर गर्मजोशी दिखाते हुए देखा गया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना "दुश्मन नहीं हैं", दोनों दलों के बीच बस विचारों का अंतर है।