कादम्बिनी गांगुली (Kadambini Ganguly) भारत की पहली स्नातक और फ़िजीशियन महिला थीं। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था।
जन्म की तारीख और जगह: 18 जुलाई 1861, भागलपुर
मृत्यु की तारीख और जगह: 3 अक्तूबर 1923, कोलकाता
पति: द्वारकानाथ गांगुली (विवा. 1883–1898)
माता-पिता: ब्रजा किशोर बासु
बच्चे: ज्योतिर्मयी गंगोपाध्याय, प्रभात चन्द्र
शिक्षा: बेठुने कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, कोलकाता
कादम्बिनी गांगुली का जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 18 जुलाई 1861 ई. में भागलपुर, बिहार में हुआ था। उनका परिवार चन्दसी (बारीसाल, अब बांग्लादेश में) से था। इनके पिता का नाम बृजकिशोर बासु था। उदार विचारों के धनी कादम्बिनी के पिता बृजकिशोर ने पुत्री की शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया। कादम्बिनी ने 1882 में ‘कोलकाता विश्वविद्यालय’ से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
'कोलकाता विश्वविद्यालय' से 1886 में चिकित्सा शास्त्र की डिग्री लेने वाली भी वे पहली महिला थीं। इसके बाद वे विदेश गई और ग्लासगो और एडिनबर्ग विश्वविद्यालयों (Edinburgh University) से चिकित्सा की उच्च डिग्रियाँ प्राप्त कीं। देश में भले ही महिलाओं को उच्चतर शिक्षा पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा हो, लेकिन कादम्बिनी गांगुली के रूप में भारत को पहली महिला डॉक्टर 19वीं सदी में ही मिल गई थी। कादम्बिनी गांगुली को न सिर्फ भारत की पहला महिला फ़िजीशियन बनने का गौरव हासिल हुआ, बल्कि वे पहली साउथ एशियन महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन (European Medicine) में प्रशिक्षण लिया था।