नई दिल्ली (शौर्य यादव): आज (19 जुलाई 2021) से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के दौरान केंद्र द्वारा वित्त से संबंधित दो विधेयक समेत 31 विधेयकों को पेश किये जाने की संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान जानकारी दी कि इनमें से सरकार ने 29 विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है, जिसमें छह अध्यादेशों शामिल है, जो कि बजट सत्र के बाद पारित किये गये थे और वित्त से संबंधित दो विधेयक बजट सत्र के दौरान पारित किये गये थे।
विपक्ष ने कोविड महामारी के हालातों और तीसरी लहर के खतरे, किसानों के विरोध, सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) के लिए कथित खतरे, अफगानिस्तान और चीन के साथ संबंधों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। इस सत्र में कैबिनेट शामिल किये गये मंत्री काफी सक्रिय नज़र आ सकते है। प्रधान मंत्री मोदी ने उन्हें सीखने के लिये सदन में अधिक समय बिताने का निर्देश दिये है।
पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक
जोशी के मुताबिक पीएम मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही इसी बात पर जोर दिया गया कि सांसदों को शांतिपूर्ण सत्र बनाये रखने का प्रयास करना चाहिये। प्रधान मंत्री ने कहा कि सभी मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा की जानी चाहिये और सभी दलों को सदन की कार्यवाही चलाने में पूरा सहयोग करना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi) ने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री ने ये भी आश्वासन दिया कि सरकार प्रक्रिया के तहत प्रत्येक मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। मानसून सत्र के दौरान रणनीति पर चर्चा के लिए रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों ने एक अलग से बैठक की। आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन ने बैठक के बाद कहा कि, कई विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में किसानों के मुद्दे पर स्थगन नोटिस देंगे। विपक्षी दलों की इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, सीपीआई (एम), सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी शिवसेना और आप के नेताओं ने हिस्सा लिया।
रणनीति के साथ तैयार विपक्ष
मानसून सत्र काफी हो-हल्ले के लिये तैयार दिख रहा है। जिसमें विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति के साथ तैयार है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें और कोविड की दूसरी लहर के दौरान बुनियादी ढांचे की कमी को मुद्दों पर केंद्र सरकार को पुख़्ता तौर पर घेरा जायेगा।
साथ विपक्ष इस आधार पर सहकारिता मंत्रालय के गठन पर आपत्ति जता सकता है कि, सहकारिता राज्य का विषय है और ये कदम राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन है। कांग्रेस और एनसीपी ने इस मुद्दे को उठाया है और इस मामले को सदन में निश्चित रूप उठाये जाने की संभावना है।
राज्यसभा और लोकसभा का समय
राज्यसभा और लोकसभा दोनों सोमवार से सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक काम करेंगे और इस सत्र के लिये 19 बैठकें निर्धारित हैं। सत्र का समापन 13 अगस्त को होगा।
कोरोनोवायरस महामारी अभी भी जारी है, संसद के दोनों सदनों में सभी आवश्यक प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरी (Required protocols and social distancing) के आधार पर सांसदों को एड्जस्ट करने की व्यवस्था के साथ सत्र आयोजित किया जाएगा।
पिछले साल महामारी की चपेट में आने के बाद से बीते साल के बजट और मानसून सत्र और इस साल के बजट सत्र को जल्दी बंद करने के बाद से संसद सत्र प्रभावित हुए। सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के कारण साल 2020 के शीतकालीन सत्र को पूरी तरह से बंद रखा गया था।