Commercial Space Flights: अरबपतियों की अंतरिक्ष यात्रा और कार्बन उत्सर्जन के समीकरण

करीब बावन साल पहले नील आर्मस्ट्रांग और एडविन “बज़” एल्ड्रिन ने नासा के अपोलो 11 की मदद से अंतरिक्ष में इंसानी कदमों के दस्तक दी। ये निश्चित रूप से पूरी इंसानियत के लिये गर्व का क्षण था, अभी भी है। लेकिन कौन जानता था कि इतने सालों के बाद अंतरिक्ष की यात्रा रिचर्ड ब्रैनसन, जेफ बेजोस और एलन मस्क जैसे अरबपतियों के लिये एक तरह का खेल और प्रतिस्पर्धा (Commercial Space Flights) बन जायेगी।

इस हफ्ते की शुरुआत में अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने मंगलवार (20 जुलाई) को अपने ब्लू ओरिजिन न्यू शेपर्ड में अंतरिक्ष में उड़ान भरी। कारोबारी के साथ उनके भाई, नीदरलैंड निवासी 18 वर्षीय ओलिवर डेमन और टेक्सास का 82 वर्षीय विमानन अग्रणी जेफ बेजोस ने अपनी कंपनी ब्लू ओरिजिन के अंतरिक्ष यान में 10 मिनट की उड़ान भरी।

रिचर्ड ब्रैनसन के पायलट ऑपरेटिड वर्जिन गेलेक्टिक रॉकेट विमान जिसे 11 जुलाई को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया उसके उल्ट बेजोस का कैप्सूल पूरी तरह से स्वचालित था और उड़ान के लिए बोर्ड पर किसी आधिकारिक कर्मचारी की जरूरत नहीं थी।

हाँ ये सब मज़ेदार और खेल है, जब तक कि ये अंतरिक्ष यात्रायें ग्लोबल वार्मिंग में योगदान न दें और वातावरण को नुकसान न पहुँचायें। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐतिहासिक रूप से रॉकेट इंजनों से कम कार्बन उत्सर्जन को कम देखा गया है, लेकिन जैसे-जैसे लॉचिंग की फ्रिक्वेंसी (launching frequency) बढ़ेगी और बड़े रॉकेटों का इस्तेमाल किया जायेगा तो इसका असर दिखने की संभावना बढ़ेगी।

पृथ्वी और इसके वातावरण की रक्षा के लिए कार्बन उत्सर्जन को गंभीरता से लेना होगा। विज्ञान विशेषज्ञों मार्टिन रॉस और जेम्स वेदा ने साल 2018 में चेतावनी दी थी कि, पारंपरिक रॉकेट उत्सर्जन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करते हैं, जो ओजोन परत को ख़राब करते हैं। उनके द्वारा जारी रिसर्च पेपर में बताया गया कि लगातार होने वाले रॉकेट लॉचिंग की फ्रिक्वेंसी लॉन्च के दौरान कार्बन कण को समताप मंडल (Stratosphere) में भी इंजेक्ट होते हैं, जो सौर ऊर्जा को अवशोषित और प्रतिबिंबित करते हैं। इससे सौर ऊर्जा अवशोषित और प्रतिबिंबित होती है। जो कि समताप मंडल को गर्म करता हैं। इसके असर से ऊष्मीय परिवर्तनों की श्रृंखला (Series Of Thermal Changes) शुरू होती है जो कि ओजोन परत का ह्रास करती है।

हालांकि ब्लू ओरिजिन रॉकेट तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन के मिश्रण द्वारा संचालित था। प्रणोदक (प्रोपेलेट फ्यूल) पारंपरिक रॉकेट ईंधन की तुलना में ज़्यादा साफ और इको फ्रैंडली होते हैं लेकिन इस पर अबी भी बहस चल रही है।

कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर में वायुमंडलीय वैज्ञानिक डारिन टूहे ने हाल ही में बताया कि, न्यू शेपर्ड से मुख्य उत्सर्जन "पानी और कुछ मामूली दहन उत्पाद और इसमें कोई सीओ 2 नहीं होगा। रिसर्च पेपर के सहलेखक रॉस ने खुद साल 2019 में चेतावनी दी थी कि, व्यक्तिगत रूप से होने वाले राकेट लॉन्चिंग से बड़ी तादाद में जल वाष्प का उत्सर्जन होगा जो कि मेसोस्फीयर और आयनोस्फीयर (Mesosphere and Ionosphere) को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। ये पृथ्वी के वातावरण के बेहद बाहरी पर्तें है।

हालांकि मौजूदा हालातों में बढ़ी हुई राकेट लॉन्च दर वैश्विक चिंता का मुद्दा नहीं है। होने वाले लॉन्च के कारण ऊपरी वायुमंडल में प्लम्स बड़ी मात्रा में जगह घेर लेगें। जिससे कि वैश्विक तौर पर मेसोस्फेरिक और आयनोस्फेरिक में होने वाले सहज़ प्राकृतिक प्रक्रियायें और गुणों में अवरोध देखने को मिल सकता है।

ब्रैनसन के वीएसएस यूनिटी रॉकेट ने ठोस और तरल प्रणोदक (Solid And Liquid Propellant) को मिलजुले हाइब्रिड ईंधन का इस्तेमाल किया गया। दूसरी ओर एलन मस्क के स्पेस एक्स फॉल्कन प्रोजेक्ट में तरल ऑक्सीजन और रॉकेट-ग्रेड केरोसिन का इस्तेमाल किया जायेगा जिसे आरपी -1 नाम से जाना जाता है।

हवाई जहाज़ों की उड़ाने पर्याप्त मात्रा में CO₂ उत्सर्जन पैदा करती हैं। उदाहरण के लिये न्यूयॉर्क शहर से लंदन के लिये इकोनॉमी-क्लास की एक उड़ान प्रति व्यक्ति के औसत वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के 11 प्रतिशत के बराबर का उत्सर्जन करती है। दूसरी ओर एयरलाइन कैरियर की मांग की तुलना में अंतरिक्ष की मांग कम रहती है। नासा के मुताबिक पूरे साल 2020 के लिए दुनिया में 114 प्रयास ऑरबिट लॉन्चिंग के लिये किये गये इसका मुकाबला एयरलाइन इंडस्ट्री की रोजाना औसतन 100,000 से ज़्यादा उड़ानों से की जाती है।

इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में भौतिक भूगोल के एसोशिएट प्रोफेसर एलोइस मरैस ने कहा कि, मिसाल के लिए स्पेसएक्स की उड़ान इतने कार्बन फुटप्रिंट पैदा करेगी जितना कि 278 औसत नागरिक एक साल के भीतर करते है। एविएशन इंडस्ट्री के मुकाबले रॉकेट लॉन्चिंग कम कार्बन उत्सर्जन होता है। लेकिन अब अंतरिक्ष यात्रा से उत्सर्जन लगभग 5.6 फीसदी प्रतिवर्ष की रफ्तार से बढ़ रहा है।

दूसरी ओर ब्रैनसन और बेजोस की अंतरिक्ष यात्रा ने भी सांसदों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जिसमें यात्रा पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव है, जैसे कि मौजूदा वक़्त में क्षोभमंडल के जरिये पारंपरिक उड़ानें पर लगाया जाता है।

ओरेगन से डेमोक्रेट सांसद ने कहा कि, स्पेस एक्सोप्लोरेशन अरबपतियों के लिये टैक्स मुक्त कवायद का हिस्सा नहीं हो सकता। जैसे आम अमेरिकी एयरलाइन टिकट खरीदते समय करों का भुगतान करते हैं, अरबपति अंतरिक्ष में उड़ान भरते हैं लेकिन इससे वैज्ञानिक मूल्य जुड़ी कोई भी अहम चीज़ हासिल नहीं होती। उन्हें ऐसा ही करना चाहिये।

राम अजोर- सह संस्थापक संपादक

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