एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): नोवल कोरोनवायरस का गामा वेरियंट (Gamma variant) जो कि पहली बार ब्राजील में पाया गया, अब इसी वेरियंट ने धीरे-धीरे रूस में दस्तक देनी शुरू कर दी है। फिलहाल ये रूस में बेहद कम मात्रा में पाया गया। इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने गुरुवार को खुलासा किया कि इस बारे में पुख़्ता जानकारी एपिवाकोरोना वैक्सीन के डेवलपर ने दी।
मौजूदा हालातों में रूस को कोरोनो वायरस मामलों में इज़ाफे का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए अधिकारियों ने डेल्टा संस्करण और टीकाकरण की धीमी दर (Slow Vaccination Rate) को दोषी ठहराया है। बीते गुरुवार (22 जुलाई 2021) को रूस ने बीते 24 घंटों के दौरान 24,471 नये कोविड-19 के मामले कोरोना वायरस से हुई 796 मौतों के साथ दर्ज किये।
एपीवैककोरोना रजिस्टर्ड होने वाले रूस के चार टीकों में से दूसरा है। एपीवैककोरोना को साइबेरिया के वेक्टर संस्थान (Vector Institute) द्वारा विकसित किया गया है। फिलहाल रूस के स्पूतनिक वी टीके को प्रमुख टीका माना जा रहा है।
इंटरफैक्स ने वेक्टर संस्थान के हवाले से बताया कि रूस के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर कोरोना का डेल्टा वेरियंट देखा गया, इसके साथ ही कई मामलों में डेल्टा वेरियंट की मौजूदगी का भी पता चला है। डेल्टा और गामा वेरिएंट दोनों को ही वायरस की गंभीर श्रेणी में चिन्हित (Marked As Severe) किया गया है, क्योंकि ये ज़्यादा आसानी से फैलते हैं और एंटीबॉडी के असर को कम कर सकते हैं।