नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): भारत बायोटेक आज (23 जुलाई 2021) से नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 2-6 वर्ष की आयु वाले बच्चों पर कोवैक्सिन की दूसरी खुराक के लिये परीक्षण शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है तयशुदा। प्रक्रिया अगले सप्ताह किसी भी वक़्त शुरू हो जायेगी। नई दिल्ली एम्स के सूत्रों ने कहा कि कोवैक्सिन की दूसरी खुराक 6-12 साल के बीच के बच्चों को पहले ही दी जा चुकी है।
नई दिल्ली एम्स 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिये टीके के परीक्षण केंद्रों (Test Centers) में से एक है। भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आने से पहले बच्चों के लिये कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। इससे पहले एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि बच्चों के लिये वैक्सीन सितंबर में उपलब्ध होने की संभावना है।
बच्चों को उनकी उम्र के मुताबिक कैटीगिरी में बांटकर कर तीन चरणों में परीक्षण किया जा रहा है। इस टेस्टिंग के नतीज़े करीब एक महीने बाद आयेगें। इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया किया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये कोविड -19 टीकों का क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) पूरा होने के कगार पर है।
देश में सिर्फ भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का ही नहीं बल्कि भारतीय फार्मास्युटिकल फर्म ज़ायडस कैडिला (Indian pharmaceutical firm Zydus Cadila) के द्वारा विकसित बच्चों के लिये बनी वैक्सीन का भी परीक्षण चल रहा है और इस टीके ने 12 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए अपना क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक ज़ायडस कैडिला ने डीएनए आधारित टीका (DNA based vaccine) विकसित किया है। जिसका क्लीनिकल ट्रायल 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के बीच पूरा कर लिया गया है। फिलहाल कंपनी इसके इस्तेमाल के लिये सरकारी मंजूरी का इंतज़ार कर रही है। जल्द ही ये 12-18 की आयु वाले बच्चों को मुहैया करवाया जा सकेगा।
गौरतलब है कि हाल में ही केंद्र सरकार ने कहा था कि कम से कम समय में 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसे पाने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं।