न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): महाराष्ट्र के रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा जिलों में मूसलाधार बारिश (Maharashtra Rain) के बाद एक दर्जन से ज़्यादा पहाड़ियों पर भूस्खलन की खब़रे सामने आ रही है। इन्हीं प्राकृतिक दुर्घटनाओं के क्रम में सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल ने मौके पर बचाव और राहत कार्य का मोर्चा संभाला रखा है। इन आपदाओं के बीच 100 से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके बै।
इस मानसून की सबसे भीषण त्रासदी में रायगढ़ के तलिये-मधलीवाड़ी गांव में एक पहाड़ी के नीचे कम से कम 50 लोग जिंदा दब गये, जबकि 50 अन्य लोगों के अभी भी मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है। इसके अलावा, पोलादपुर (रायगढ़) में 15, मीरगांव (सतारा) में, मुंबई में चार, 12, खेड़ (रत्नागिरी) में 11 और सतारा समेत अन्य आधा दर्जन जगहों पर 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई।
दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन ने मीडिया को बताया कि, भारतीय सेना ने पुणे के औंध सैन्य स्टेशन और बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप से 15 टीमों को तैनात किया है जबकि नौसेना ने 7 से ज़्यादा टीमों को तैनात किया है और भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टरों को राहत और बचाव के कामों के लिये तैनात किया है। वायुसेना एनडीआरएफ की टीमों को भी मौके पर ले जा रही हैं। भारतीय तटरक्षक बल ने भी फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए दो यूनिटों की तैनात की हैं।
तालिये-मधीलीवाड़ी में प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक पहाड़ी का जिसका 50-60 मीटर लंबा हिस्सा टूट गया और जिसके नीचे लगभग तीन दर्जन घरों में दब गये। इसकी चपेट में आकर ज्यादातर लोग बड़े पेड़ों, झाड़ियों और कीचड़ के नीचे दब गये। इस बीच दुर्घटनास्थल पर रायगढ़ से सांसद सुनील तटकरे उनकी बेटी और राज्य मंत्री अदिति तटकरे भी पहुँचे। रूक-रूक कर हो रही बारिश, बाढ़ का मलबा, कीचड़ और ढीली मिट्टी दुर्घटनास्थल पर बचाव दलों के बचाव अभियान (Rescue Operation) में बड़ी बाधा डाल रहे है।
इस त्रासदी पर दुख जाहिर करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रत्येक मृत व्यक्ति के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे और सभी घायलों के लिए मुफ्त इलाज का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और साथ ही बाढ़ पीड़ितों को पूरी मदद मुहैया करवाने की पेशकश की। प्रधानमंत्री जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों के लिये 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की।
सीएम राज ठाकरे के अलावा राज्य के मंत्री बालासाहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार, आदित्य ठाकरे, संजय बंसोडे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, डीजीपी संजय पांडे और कई अन्य शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी लगातार हालातों की निगरानी (Monitoring The Situation) कर रहे हैं। सीएम ठाकरे ने कहा कि रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, सतारा, कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। उन्होंने सांगली-कोल्हापुर में लोगों से अतिरिक्त सतर्क रहने की अपील क्योंकि कोयना बांध से पानी निकलना शुरू हो गया है। सभी बाढ़ पीड़ितों को निकालने, भोजन, पानी, दवाओं और अन्य आवश्यकताओं के साथ अस्थायी शिविरों में उनके आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश जारी किये गये हैं।
सशस्त्र बलों ने बचाव प्रयासों को तेज कर दिया है। अब तक 14 एनडीआरएफ और 6 एसडीआरएफ इकाइयों के अलावा ओडिशा से आने वाली 8 और एनडीआरएफ इकाइयों और कई एसडीआरएफ इकाइयों को इन जिलों में रिजर्व में रखा गया है।रत्नागिरी जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 4 आश्रय स्थल बनाये हैं, जबकि 2,000 लोगों को रायगढ़ के अधिकारियों के द्वारा राहत शिविरों में रखा गया है। रायगढ़ में एक बस में फंसे 22 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि शुक्रवार दोपहर वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा किये गये हवाई सर्वेक्षण से पता चला है कि बारिश जारी रहने के बावजूद बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।
वशिष्ठ नदी पर चिपलून-मुंबई को जोड़ने वाला एक पुल बाढ़ में बह गया, जिससे वहां भारी ट्रैफिक जाम हो गया। इस दौरान कई लोगों के बड़े और छोटे वाहन बाढ़ के पानी के चपेट में आकर बह गये। संभावित अनुमानों के अनुसार ट्रक, टेम्पो, कार और स्कूटर सहित 2,000 से ज़्यादा बड़े और छोटे वाहन या तो बाढ़ में फंसे हुए है या टूट फूट गये। बिजली और संचार विभाग फोन और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिये मोबाइल टावरों की मरम्मत के अलावा कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बहाल करने में लगे हुये हैं, जो एहतियात के तौर पर काट दी गयी थी।