Erotica vs Porn: महज़ नजरिये का फर्क है पोर्न और इरोटिका में

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और करोड़पति व्यवसायी राज कुंद्रा की हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी के बाद पोर्नोग्राफी (Pornography) की परिभाषा और ये मेनस्ट्रीम इंटरनेटमेंट से कितनी अलग है, ये अपने आप में गर्मागर्म बहस का मसला बनकर उभर रहा है। जब मुंबई पुलिस शिल्पा शेट्टी से पूछताछ की ओर पोर्नग्राफी प्रोडक्शन में कथित तौर पर उनकी संलिप्तता के बारे में पूछा गया तो ज़वाब में शिल्पा शेट्टी ने कहा कि इरोटिका (Erotica) पोर्नोग्राफी से काफी अलग होती है और साथ ही वो इस बात पर जोर देने लगी कि उनके पति निर्दोष है।

ऐसे में इरोटिका और पोर्नोग्राफी में काफी महीन से अंतर होता है। इरोटिका अपने आप काफी व्यापक शब्द है, जिसका इस्तेमाल कई तरह के साहित्य और कला के लिये किया जाता है जो यौन विषयों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। इसकी पहचान पोर्नोग्राफी से अलग है। ऐसे कई तर्क हैं, जिनका उपयोग पोर्न और इरोटिका के बीच अंतर करने के लिये किया जाता है।

कॉन्टेंट के तौर पर पोर्न ऐसी सामग्री है जिसमें ग्राफिक, ऑडियो विजुअल्स की मदद से ऑडियंस में तीव्र यौन उत्तेजना पैदा की जाती है। पोर्न आम तौर पर ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट के रूप में हो सकती है। जिसकी प्रकृति लैंगिक उत्तेजना से जुड़ी हुई हो।

दूसरी ओर इरोटिका इससे काफी अलग मानी जाती है। ये आर्ट्स और एस्थेटिक (Arts & Aesthetics) का हिस्सा है। रिनैसां काल (Renaissance period) में यूरोप बड़ी तादाद में तस्वीरें, मूर्तियां और अन्य कलाकृतियां बनी जिनमें मानवीय कामुकता को काफी यथार्थवादी और कलात्मक अंदाज़ में बनाया गया। कामुक मूर्तियों, चित्रों, तस्वीरों, फिल्मों, संगीत, उपन्यासों और मंच नाटकों से लेकर साहित्य के विभिन्न रूपों में इरोटिका बड़ी शैली है।

इरोटिका और पोर्न के बीच किया गया एक और अंतर कॉन्टेंट प्रोडक्शन में शामिल शख़्स या प्रोडक्शन यूनिट के नज़रिये पर भी टिका हुआ है। अगर किसी ऑडियो वीडियो विजुअल के प्रोडक्शन का मकसद ऑडियंस को कामुकता परोसकर उत्तेजित करके पैसे कमाना है तो ये सीधे तौर पर पोर्न माना जायेगा। ऐसे में कामुकता के सौंदर्य पहलू (Aesthetic Aspects Of Sexuality) को कम महत्व दिया जाता है।

इरोटिका आमतौर पर कला के कार्यों को संदर्भित करने के लिये इस्तेमाल की जाती है, जो मानव रूप और कामुकता का जश्न हैं। यहां पर कलाकार दर्शकों में उमंग, आनंद और उत्सव की भावनाओं को लाने के लिए इच्छुक है। असल में दुनिया भर में कई ऐतिहासिक स्मारकों पर चित्रित, नक्काशीदार और तराशी गयी इरोटिका मानव कामुकता के इतिहास के सबसे अहम दस्तावेजों में से एक है।

मानव कामुकता के कुछ चित्रण कुछ दर्शकों के लिए उत्सवपूर्ण हो सकते हैं, दूसरों के लिए वे उत्तेजना के स्रोत हो सकते हैं। कई लोगों के लिए, भेद संस्कृति और वर्ग के सामाजिक विभाजन का उत्पाद भी। जिसे इरोटिका माना जाता है वो किसी एक देश में संस्कृति का हिस्सा हो सकती है, और दूसरे देश के लिये वो अश्लील साहित्य।

पोर्नोग्राफी विरोधी कार्यकर्ता एंड्रिया ड्वर्किन ने इरोटिका को "आला दर्जें की पोर्नोग्राफ़ी" के बताया है। जिसे बेहतर पैकेजिंग, कॉन्सेप्शन और शानदार प्रोडक्शन वैल्यू के साथ ऑडियंस के लिये तैयार किया जाता। ये तर्क दिया जा सकता है कि किसी ऑडियो विजुअल कॉन्टेंट को अश्लील और कामुक सामग्री के तौर पर कैसी क्लासीफाइड किया जाये। ऐसे में काफी हद तक ये इस बात से तय होता है कि इसके अधिकांश दर्शकों द्वारा इसे किस नज़रिये से देखा जाता है।

भारत में पोर्नोग्राफी पब्लिशिंग/व्यूविंग/प्रोडक्शन/प्रोजेक्शन अवैध है। मौजूदा मामले में राज कुंद्रा को एडल्ट कंटेंट पब्लिश करनी वाली ऐप हॉटशॉट्स के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा  354 (सी) (दृश्यता), 292 (अश्लील सामग्री की बिक्री) और 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 और 67ए (यौन स्पष्ट सामग्री का प्रसारण) के तहत आरोप लगाये गये हैं। साथ ही स्त्री अशिष्ट रूपण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1986 के तहत उन पर मामला दर्ज किया गया है।

राम अजोर- सह संस्थापक संपादक

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