न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): संसद का मानसून सत्र (Monsoon Parliament Session) अपने आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। इस बीच आज राज्यसभा के सभापति वैंकेय्या नायडू (Rajya Sabha Chairman Venkaiah Naidu) विपक्षी सांसदों के रवैये से काफी भावुक हो गये। विपक्षी सांसद लगातार दोनों ही सदनों में पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानून और महंगाई समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार से सदन में खुली चर्चा चाह रहे हैं, जिसे लेकर रोजाना सदन में हंगामे और स्थगन की स्थिति बनी हुई है।
मौजूदा गतिरोध को देखते हुए वैंकेय्या नायडू काफी परेशान और भावुक हो गये। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि – सदन की शुचिता और पवित्रता पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर लोकसभा में पारित 127 वां संविधान संशोधन विधेयक आज राज्यसभा में भी पारित किए जाने की पूरी उम्मीद है। इस संशोधन के लागू होने के बाद से राज्य सरकारों को अपने स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची (Other Backward Classes List) बनाने का पूरा अधिकार मिल जायेगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार लगभग सभी महत्वपूर्ण विधेयक पारित करवा चुकी है। कुछ बाकी रह गये विधेयकों को आज राज्यसभा में पारित करवा लिया जायेगा।
आज लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से पहले कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया रिपोर्ट सदन को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस (Notice Of Adjournment Motion) दिया। दूसरी ओर कांग्रेसी सांसद मलिक्कम टैगोर ने एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर लोकसभा सदन के स्थगन का नोटिस दिया।
बीते मंगलवार राज्यसभा में कृषि संकट पर चर्चा शुरू होते हैं विपक्षी सांसद वेल में आ गये और जमकर हंगामा काटा। इस बीच एक मौका ऐसा भी आया जब कुछ विपक्षी सांसद (opposition MP) वहां महासचिव की मेज पर चढ़ गये। इन हालातों को देखते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि समेत सभी मुद्दों पर चर्चा करवाई जा रही है लेकिन तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जैसी पार्टियां अलोकतांत्रिक रवैया (Undemocratic Attitude) अख्तियार कर रही है। जो कि लोकतांत्रिक मर्यादा और संसदीय गरिमा के बिल्कुल विपरीत है।