एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): पेंटागन ने कहा है कि तालिबान (Taliban) का लगातार आगे बढ़ना इस बात का सबूत है कि उसके नेताओं ने ये मान लिया है कि वे बातचीत में शामिल होने के बजाय ताकत के बल पर अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकते हैं। पेंटागन का ये बयान ऐसा वक़्त में सामने आ रहा है जब अमेरिकी एक खुफिया रिपोर्ट ये दावा कर रही है कि तालिबान 30 दिनों में काबुल को अलग कर सकता है और लगभग 90 दिनों के भीतर इसे अपने कब़्जे में ले सकता है।
बीते बुधवार (11 अगस्त 2021) को मीडियो को संबोधित करते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी (US Department of Defence spokesman John Kirby) ने कहा कि, “तालिबान लगातार आगे बढ़ रहा है, वो लगातार जिलों और प्रांतीय केंद्रों पर नियंत्रण कर रहा है। ये साफ इशारा है कि ताकत, क्रूरता, उत्पीड़न और हिंसा के जरिये वो सत्ता हासिल करने की फिराक में है। वार्ता और राजनैतिक कवायदों (Political Exercise) में उनकी कोई आस्था नहीं है। उनकी कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई दे रहा है।
पेंटागन प्रवक्ता जॉन किर्बी ने आगे कहा कि, हम अफगानिस्तान में स्थिति पर बारीकी से निगाहें बनाये हुए है। हम लगातार बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के प्रति सचेत हैं। अभी हमारा ध्यान उस इलाके में अफगान बलों (Afghan forces) का समर्थन करने पर है जहां हम सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से बतौर मदद हवाई ड्रॉडाउन (Air Drawdown) को पूरा कर सकते हैं। ये मुख्य रूप से अफगान बलों पर निर्भर है कि वे देश पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये उपलब्ध अमेरिकी संसाधनों और रसद का इस्तेमाल करें।
इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा था कि तालिबानी हमले के बीच अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस लेने के अपने फैसले पर उन्हें खेद नहीं है। फिलहाल तालिबान अब तक आठ प्रांतों में जड़े जमा चुका है। बिडेन ने अफगानिस्तान के नेताओं से एकजुट होने और तालिबान के खिलाफ मुऩासिफ कार्रवाई करने की अपील की।
बीते बुधवार को संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि इस साल खूनी संघर्ष से लगभग 390,000 अफगान विस्थापित हुए हैं, मई के बाद विस्थापितों अफगानों की तादाद में एकाएक उछाल देखा गया है। विस्थापितों की तादाद में ये इज़ाफा इसलिये हुआ क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापसी को हरी झंड़ी दे दी थी। उसी समय कई अफगानी नागरिकों आने वाले दिनों के हालातों को पहले ही भांप चुके थे इसलिये बड़ी तादाद में उन्होनें परिवार के साथ उन इलाकों को खाली कर दिया जहां तालिबान की संभवतया बेरहमी गिरने वाली थी।