न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): शादीशुदा जीवन में ज़बरन सेक्स (Forced Sex) को अवैध या गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता है। मुंबई की एक अदालत ने हाल ही में ये फैसला सुनाया। कोर्ट एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, उस महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पत्नी उसे ज़बरन यौन संबंध (Sexual Relations) बनाये जिसकी वज़ह से उसे लकवा मार गया। मामले पर मुंबई के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजश्री जे.घरत ने फैसला सुनाया कि उस व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजश्री जे.घरत (Judge Sanjshree J.Gharat) ने कहा कि, ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि युवा लड़की को लकवे का सामना करना पड़ा। हालांकि आवेदकों (पति और परिवार) को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। आवेदकों के खिलाफ लगाये गये आरोपों की प्रकृति को देखते हुए हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है। आवेदक तैयार हैं जांच के दौरान सहयोग करने के लिये।
कोर्ट ने फैसला सुनाया कि, पति होने के नाते ये नहीं कहा जा सकता है कि उसने कोई अवैध काम किया है। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने नवंबर 2020 में आरोपी से शादी कर ली, जिसके बाद उसके पति ने उसकी रज़ामंदी के बगैर उससे सैक्स संबंध बनाये। रोजाना ज़बरन सैक्स संबंध बनाने के कारण उसकी कमर के निचले हिस्से में लकवा (Paralysis) मार गया।
उसने अपनी शिकायत में ये भी कहा कि उसके ससुराल वाले उस पर तरह तरह की पांबदियां लगाते थे, उसे ताना मारते थे और गाली भी देते थे। साथ ही ससुराल पक्ष (In-Laws) वाले उससे गाहे बगाहे दहेज की भी मांग करते थे। महिला के पति और उसके ससुराल वालों ने कोर्ट से गिरफ्तारी से बचाव करने की अपील की और साथ ही महिला के आरोपों को सिरे से नकार दिया।