एजेंसियां/न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): हाल ही में 14 अगस्त को पाकिस्तान (Pakistan) ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस मौके पर लंदन में सिंध और बलूच समुदायों के लोगों ने इस्लामाबाद पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। साथ ही पाकिस्तान विरोधी विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां ली हुई थी, जिन पर लिखा था कि “14 अगस्त बलूच और सिंधियों के लिये काला दिन है” और “बलूच लोगों का नरसंहार बंद करो” विरोध प्रदर्शन (Protest) के दौरान जमकर पाकिस्तान के खिलाफ नारे भी लगाये गये।
इस बीच दुनिया भर में पाकिस्तान विरोधी विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किये गये और प्रदर्शनकारियों ने अफगानिस्तान में तालिबानी हिंसा (Taliban violence) के लिये इस्लामाबाद की भूमिका के खिलाफ आवाज उठायी। गौरतलब है कि पाकिस्तानी हुक्मरान और आईएसआई (ISI) लगातार तालिबानी आंतकियों की मदद मुहैया करवा रहे है। जिसके खिलाफ दुनियाभर में रोष फैला हुआ है।
इसी क्रम में तालिबान और अफगानिस्तान के खिलाफ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया में कई विरोध प्रदर्शन हुए। अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के विरोध में शनिवार को बर्लिन के ब्रैंडेनबर्ग गेट (Berlin's Brandenburg Gate) पर भी लगभग 300 लोग एकत्र हुए, जहां उन्होनें दुनिया के सामने पाकिस्तान का पर्दाफाश किया।