न्यूज डेस्क: Grah Kalesh: मौजूदा वक़्त में आम आदमी कम आमदनी, रोजगार, गिरते कारोबार और सेहत से उतना परेशान नहीं है जितना की गृहक्लेश से है। गृहक्लेश के कारण ही स्वास्थ्य और कमाई पर सीधा फर्क पड़ता है। इसी के कारण सीधासादा आदमी एकाएक गुस्सैल स्वभाव (Temper Tantrum) वाला व्यक्ति बन जाता है। इंसान दो वक़्त की सुकून सूखी रोटी चाहता है। ऐसे में आज हम कुछ टिप्स देने जा रहे है जो कुछ हद तक क्लेश का कम करने में मदद करेगें।
सास बहू के बीच क्लेश दूर करने के टिप्स
1. घर के बर्तन के गिरने टकराने की आवाज न आने दें।
2. घर सजाकर सुन्दर रखें।
3. बहू को चाहिए कि सूर्योदय से पहले घर में झाडू लगाकर कचड़े को घर के बाहर फेंके।
4. पितरों का पूजन करें।
5. प्रतिदिन पहली रोटी गाय को एवं आखिरी रोटी कुत्ते को खिलायें।
6. ओम् शांति मन्त्र का जाप सास-बहू दोनों 21 दिन तक लगातर 11-11 माला करें।
7. रोटी बनाते समय तवा गर्म होने पर पहले उस पर ठंडे पानी के छींटे डाले और फिर रोटी बनाएं।
भाईयों के बीच गृह कलह दूर करने के टिप्स
1. गणेश जी और स्वामी कार्तिक जी का पूजन प्रतिदिन करें।
2. शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ायें।
3. विष्णु जी को तुलसी पत्र चढ़ायें।
4. माता-पिता और पूजनीय व्यक्तियों के चरण स्पर्श करें।
5. ओम् रामाय नमः मन्त्र का जप करें।
6. रामायण या रामचरित मानस (Ramcharit Manas) का यथा शक्ति पाठ करें।
देवरानी-जेठानी और ननद-भाभी में गृह कलह को दूर करने के टिप्स
1. गाय के गोबर का दीपक बनाकर तेल रुई सहित उसे जलायें और उसे घर के मुख्य दरवाजे में रख कर उसमें थोड़ा गुड़ डालें।
2. ओम् नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु-कुरु स्वाहा इस मन्त्र का जप 41 दिन तक नित्य 11 माला (रुद्राक्षमाला से) करें।
3. शिवलिंग पर दूध और गंगाजल चढ़ायें। इसके बाद शिवलिंग (Shivling) पर बिल्व पत्र और पुष्प घर के सभी लोग चढ़ाऐं।
4. घर को सुन्दर, सजावट युक्त रखें और घर के चारों कोनों में शंख ध्वनि करें।
5. गीता का पाठ करें। 6. शिव जी का पूजन पूरे परिवार सहित करें।
गृह कलह शान्ति हेतु अन्य टिप्स
1. प्रतिदिन आटा गूंथते समय एक चुटकी नमक और एक चुटकी बेसन उसमें मिला लें।
2. गेंहूँ चक्की पर पिसने जाने से पहले उसमें थोड़े से चने मिला दें और सिर्फ सोमवार शनिवार को ही गेंहूँ पिसवायें।
3. दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ नवरात्रि में विद्वान पण्डित से कराये।
4. चीटियों का शक्कर खिलायें ।
5. घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में शौच का स्थान न रखें। उस स्थान को साफ और भार युक्त वास्तु से दूर रखें।
6. जो ग्रह कलह कारक हों उनकी वस्तुओं का दान करें।
7. कुण्डली के बली ग्रहों के मंत्रों का जप विद्वान पण्डित से या स्वयं किसी गुरु के सानिध्य में करें।
8. तेज स्वर (ऊंची आवाज) में बात न करें।