न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) फ्लाइट टेस्टिंग फैसिलिटी (Flight Testing Facility) में अपनी यात्रा के दौरान तेजस सिंगल-सीटर लाइट लड़ाकू विमान एमके1 एफओसी लड़ाकू विमान उड़ाया। 23-24 अगस्त को अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान वायु सेना प्रमुख (सीएएस) ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई) का भी दौरा किया, जो कि एवियोनिक्स सॉफ्टवेयर (Avionics Software) के विकास का कार्य करने वाली इकाई है।
वायुसेना द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय वायुसेना की परिचालन और कार्यात्मक क्षमता (Operational And Functional Capability) में कई गुना मिलने में अहम योगदान हासिल हुआ है। एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने भारतीय वायु सेना के विमानों पर विभिन्न हथियारों के इंटीग्रेशन (Weapons Integration) के लिए सॉफ्टवेयर स्वदेशीकरण की ओर बढ़ने और लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एसडीआई के प्रति अपने नज़रिये को साफ किया।
वायुसेना प्रमुख ने अपने इस दौर के बीच एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए), डीआरडीओ और एचएएल के परीक्षण दल और इंजीनियरों से मुलाकात कर बातचीत की। इस दौरान उन्होनें कहा कि हमारी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी विमानन उद्योग क्षमता को बनाने के साझा लक्ष्य के तहत दोनों प्रतिष्ठानों की काफी अहम भूमिका है।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया का स्वागत एवीएम जीतेंद्र मिश्रा वीएसएम कमांडेंट एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टाब्लिशमेंट (एएसटीई) ने किया। एएसटीई की अपनी यात्रा के दौरान वायुसेना प्रमुख ने सीएएस में चल रही परियोजनाओं का अवलोकन किया। वहां उन्हें ऑप्रेशनल टेस्टिंग की प्रगति के बारे में जानकारी दी गयी।
मौके पर मौजूदा कर्मियों के साथ बातचीत के दौरान एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने एएसटीई की अनूठी और चुनौतीपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। वहां उन्होनें इस संस्थान का कामयाबियों का जिक्र किया। साथ ही दावा किया कि संस्थान की परिचालन इकाइयां की मदद से भारतीय वायुसेना को इसकी विशेषज्ञता का काफी लाभ मिला है।