नई दिल्ली (गंधर्विका वत्स): साल 2020 के दौरान कोरोना संकट के दौरान बॉलीवुड स्टार सोनू सूद (Bollywood Star Sonu Sood) कई लोगों के लिये मसीहा बनकर सामने आये। लोगों की मदद करने के लिये वो लगातार सुर्खियों में छाये रहे। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनसे मुलाकात कर संयुक्त रूप से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सोनू सूद को ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। इस पहल के तहत छात्रों को उनका करियर चुनने के लिये मार्गदर्शन दिया जायेगा।
अरविंद केजरीवाल संयुक्त प्रेस में आगे कहा कि, सरकारी स्कूलों में कुछ छात्र बहुत गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं और उनका मार्गदर्शन करने के लिये बहुत कम लोग हैं। हम शिक्षित लोगों से इन बच्चों के लिये सलाहकार बनने की अपील कर रहे हैं। सोनू सूद इस कार्यक्रम के लिए हमारे ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassador) होंगे”
सोनू सूद के बारे में बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि, सोनू सूद ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से हमारे लिये समय निकाला जिसके लिये हम आभारी है। वो पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। हजारों लोग मदद के लिए उनके पास पहुंचते हैं। ये एक तरह का चमत्कार है कि उन्होनें वो सब कुछ किया जो कि एक सरकार को करना चाहिये। हमने उनके काम के बारे में लंबी बातचीत की और दिल्ली सरकार के काम को उनके साथ साझा किया”
सोनू सूद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि- आज मुझे लाखों छात्रों का मार्गदर्शन करने का अवसर मिला है। छात्रों का मार्गदर्शन करने से बड़ी और कोई सेवा नहीं है। मुझे यकीन है कि हम एक साथ कर सकते हैं और हम करेंगे" इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने साफ किया कि सोनू सूद से उनकी बैठक सिर्फ 'देश के मेंटर' (Desh Ke Mentor) कार्यक्रम तक ही सीमित थी और इस दौरान राजनीति से जुड़ी कोई बातचीत नहीं हुई।
इस बीच दिल्ली के सीएम के साथ अपनी बैठक के दौरान सोनू सूद ने उनसे 'प्रवासी रोजगार' के लिये बनाये ऑनलाइन जॉब पोर्टल पर बातचीत करते हुए इससे जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। ये जॉब पोर्टल (Job Portal) प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने में मदद करता है।
मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करते हुए अभिनेता ने पिछले साल लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को घर वापस भेजने में मदद करने के अपने अनुभव का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे उन्होंने 7,50,000 प्रवासियों का एक डेटाबेस बनाये रखा और जॉब पोर्टल शुरू होने के बाद उसी डेटाबेस से जुड़ते हुए तीन लाख लोगों को नौकरी देने की पेशकश की। इस पर सोनू सूद ने कहा कि "मैं 7,50,000 प्रवासियों से सीधे जुड़ा था। मेरे पास हर प्रवासी का डेटा था। जब भी मैं उन्हें घर भेजता था तो मैं उनसे पूछता था कि वे कब वापस आ रहे हैं। प्रवासियों ने मुझसे कहा कि अगर वे वापस आ भी जाये तो उन्हें नौकरी मिलेगी। वे डरे हुए थे क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें उन जगहों पर वापस जाने से रोक सकते थे जहां उन्होंने पहले काम किया था। इस पर मुझे लगा कि नौकरियों से जुड़ी समस्यायें आ सकती हैं"
आगे सोनू सूद ने कहा कि- "मैंने सोचा कि लॉकडाउन के बाद नौकरियों की कमी के संबंध में क्या किया जाना चाहिये। मैं तकनीक के माध्यम से उन सभी प्रवासियों से जुड़ा और इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों ने मुझसे संपर्क किया और सराहना की कि आप अच्छा काम कर रहे हैं। इसी तरह मैनें उन्हें रोजगार देने का फैसला किया। गौरतलब है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे।