न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): सीमा पार से आतंकियों की आवाजाही की सूचना मिलने के बाद खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में संभावित आतंकी हमले की चेतावनी (Security Alert) जारी की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ इनपुट साझा किया और कहा कि किसी तरह के आंतकी हमले से बचने और ज़वाब देने के लिये हमें तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि अगस्त के तीसरे सप्ताह के दौरान कंधार में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed -JeM) के नेताओं और तालिबान नेताओं के बीच एक बैठक के बारे में पता चलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इस कथित बैठक में तालिबानी नेताओं (Taliban leaders) के एक गुट ने हिस्सा लिया, जहां जैश ने ‘भारत-केंद्रित’ अभियानों में तालिबानी समर्थन मांगा। सूत्र के मुताबिक बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। अधिकारी ने कहा, “हमने खुफिया एजेंसियों को सोशल मीडिया पर नज़र रखने का आदेश दिया है। 24 अगस्त को हमें पाकिस्तान से आंतकियों से जुड़ी दो मूवमेंट के बारे में पता चला। जो श्रीनगर में ग्रेनेड हमले की योजना बना रहे हैं। सभी संबंधित एजेंसियों को कॉर्डिनेशन बनाये रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है। सभी राज्यों को सुरक्षा अभ्यास करने और आतंकवाद रोधी इकाइयों (Counter Terrorism Units) को हाई अलर्ट पर रखने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर पूरी तरह कब़्जा कर लिया। जिससे नागरिक सरकार गिर गयी। नतीजतन कई देशों ने अनिश्चित सुरक्षा हालातों के कारण अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मियों को अफगानिस्तान से निकालना शुरू कर दिया और कुछ देशों ने कई अफगानों को अपने यहां शरण देने के पेशकश की। तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद देश से बाहर जाने वाली आखिरी उड़ानों में भागने की बेताब हज़ारों अफ़ग़ान नागरिकों ने हवाई अड्डे के बाहर डेरा डाल दिया है।
इसी क्रम में बीते गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती बम धमाके में 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों की मौत हो गयी। धमाके के बाद ISIS-K बंदूकधारियों ने मौके पर अंधाधुंध फायर किया। इस पूरी वारदात में 169 अफगान नागरिक मारे गये। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने गुरुवार को हुए इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली है।