ये बात दिमागी दिवालियेपन (Mental bankruptcy) की ओर इशारा करती है। इन सरकारी अधिकारियों (Government officials) को अपना पूरा ध्यान स्वास्थ्य सुविधाओं (Health facilities) को बेहतर बनाने में देना चाहिए। हमारे देश के अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियां (Healthcare systems) Covid-19 महामारी (Epidemic) से लड़ने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। बावजूद इसके व्यवस्था में बैठे परजीवी (Parasites sitting in the system) बेतुके और हवाई बयान देते फिर रहे है। ऐसा करके वो अपने बड़ों साहबों की नज़रों में आना चाहते है। ये वक़्त है अपनी पूरी ताकत झोंकने का, अगर समय रहते हम इसमें कामयाब नहीं हुए तो, जल्द ही पूरा देश कोरोना वायरस (Corona virus) की चपेट में होगा। तो इसलिए व्यावहारिक (Practical) होने के नाते सर्तक और साथ ही अधिक सक्रिय होने की जरूरत है। बजाय इसके की बेसिर-पैर के बयान देने में वक्त जाया किया जाये।
Image Courtesy: https://www.thesun.co.uk/