न्यूज डेस्क (स्तुति महाजन): तिहाड़ जेल प्रशासन (Tihar jail administration) ने जेल से करीब 200 करोड़ रुपये की रंगदारी के कई मामलों पर संज्ञान में लेते हुए बीते 17 अगस्त को 23 उपाधीक्षकों (Deputy Superintendents) का तबादला कर दिया। हाल ही में तिहाड़ के महानिदेशक (Director General of Tihar) ने लंबे समय से जेल में तैनात जेल कर्मियों की जानकारी मांगी थी। इन जबरन वसूली के मामलों में आरोपी की पहचान सुकेश चंद्रशेखर के रूप में हुई है। फिलहाल वो रोहिणी जेल में बंद है।
इससे पहले एक महिला ने सुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी थी। सुकेश ने उसे झांसा देकर खुद को केंद्रीय कानून मंत्रालय का अधिकारी बताया था और उसे कानूनी मदद मुहैया करवाने के नाम रंगदारी वसूली थी। बाद में पुलिस ने जाल बिछाकर उसके दो साथियों प्रदीप और दीपक को सात से आठ अगस्त के बीच गिरफ्तार कर लिया।
मामले में सहायक जेल अधीक्षक धरम सिंह और उप जेल अधीक्षक सुभाष बत्रा (Jail Superintendent Dharam Singh and Deputy Jail Superintendent Subhash Batra) को भी 18 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। जब दीपक ने खुलासा किया कि जेल अधिकारी कथित तौर पर सुकेश को अपराधों को अंजाम देने में मदद कर रहे थे।
बीते 20 अगस्त को कनॉट प्लेस में आरबीएल बैंक में कार्यरत प्रबंधक कोमल को उसके दो सहयोगियों अविनाश और जितेंद्र के साथ संदिग्ध नकद लेनदेन और पैसे की व्यवस्था में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, इन लोगों ने जबरन वसूली रैकेट (Extortion Racket) चलाने में मदद की थी।
इससे पहले बीते 10 अगस्त को भी सुकेश को जेल की कोठरी से एक बड़े कारोबारी से 50 करोड़ की रंगदारी वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वो जेल के भीतर ही रहकर से कई बड़े कारोबारियों के संपर्क में था। पुलिस ने आठ अगस्त को छापेमारी के दौरान उसके सेल से अपराधों में इस्तेमाल किये गये दो मोबाइल फोन बरामद किये थे।