एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): व्यापक अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के बीच तालिबानी प्रवक्ता (Taliban spokesman) ने बीते शुक्रवार (3 सितंबर 2021) को फॉक्स न्यूज को बताया कि तालिबानियों द्वारा युद्धग्रस्त राष्ट्र पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान में ‘महिलाओं के अधिकारों को लेकर मुद्दा बनाने जैसा कोई मसला हो नहीं रहेगा। तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Taliban spokesman Suhail Shaheen) ने कहा कि वो इस बात का कड़ा विरोध करते हैं कि ‘महिलाओं को बिना हिजाब के शिक्षा मिलनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, “ये संस्कृति का बदलाव है। वे (महिलाएं) हिजाब के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं और वे हिजाब (Hijab) के साथ काम कर सकती हैं, उनकी शिक्षा, उनके काम के बारे में कोई समस्या नहीं है,” शाहीन ने आगे कहा कि, लेकिन एक-दूसरे की संस्कृति को बदलने के बदलने की बात नहीं होनी चाहिए क्योंकि हम आपकी (अमेरिका) संस्कृति को बदलने का इरादा नहीं रखते हैं, आपको हमारी संस्कृति नहीं बदलनी चाहिये।”
अमेरिका के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, "हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हम सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से एक साथ कैसे काम कर सकते हैं जो दोनों पक्षों के सर्वोत्तम हित में है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना (US Army) की वापसी जिसे 31 अगस्त को पूरा कर लिया गया था, 'राष्ट्र के इतिहास में एक अध्याय का समापन' था। हमने उस अध्याय को बंद कर दिया है। हमने उसे खत्म कर दिया, हम प्रतिरोध कर रहे थे लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। ये अतीत है। हमें उस भविष्य पर ध्यान देना होगा जो उनके और हमारे लिए बेहतर हो।"
तालिबान के प्रवक्ता की ये टिप्पणी उस वक़्त सामने आयी जब कई मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रही है कि समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) नयी सरकार के प्रभारी होंगे, जिसकी घोषणा जल्द ही काबुल में की जायेगी।