Supertech Twin Towers: अफ़सर तो दोषी है ही इन अफसरों को अब तक बचाने वाले भी दोषी है, नोएडा प्राधिकरण उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास विभाग के दायरे में आता है। जिसके मंत्री सतीश महाना है और नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी हैं।
इनकी ही सहमति से वो नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की तरफ से पेश वकील ने वो जवाब बनाया होगा जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कसकर फटकार लगाई है। मामले की सुनवाई करते हुए नोएडा प्राधिकरण की ओर से पेश अधिवक्ता रवींद्र कुमार से माननीय कोर्ट ने अथॉरिटी को कहा था कि, “अधिकारी होने के नाते, आपको सुपरटेक (Supertech) के कृत्यों का बचाव करने के बजाय तटस्थ रुख अपनाना चाहिए। आप किसी भी प्रमोटर के लिए निजी स्टैंड नहीं ले सकते।”
नोएडा अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए कहा, “ये अधिकारों का चौंकाने वाला इस्तेमाल है। आप (नोएडा प्राधिकरण) न केवल मिलकर काम कर रहे हैं बल्कि सुपरटेक के साथ साठगांठ कर रखी है। जब घर खरीदारों ने एक स्वीकृत योजना के लिए कहा, तो आपने सुपरटेक को लिखा कि आपको दस्तावेज देना चाहिए या नहीं और इनकार करने पर आपने उन्हें योजना देने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, "उच्च न्यायालय (high Court) द्वारा स्पष्ट रूप से आपको ये निर्देश दिए जाने के बाद ही आपने उन्हें योजना सौंपी। आप पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।"
साफ है कि सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी नोएडा प्राधिकरण में अभी जारी भ्रष्टाचार पर थी और इस मामले में योगी सरकार को अधिकारियों पर कार्यवाही करने चाहिये।