न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Haryana Government: आपने लोगों ने अक्सर सुना होगा कि सरकारी दफ्तरों देरी से होते है। हरियाणा के सेवा अधिकार आयोग (Right To Service Commission- RTSC) के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता अब इसी देरी के इसके खिलाफ एक्शन मोड में आ गये हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत आयोग ने लगभग 250 अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस भेजा है, जिन्होंने तयशुदा वक़्त के भीतर अधिसूचित सेवायें मुहैया नहीं करवायी।
मुख्य आयुक्त ने कहा कि आयोग की बैठकें आयोजित कर धीरे-धीरे लोगों को सेवा का अधिकार अधिनियम के प्रति जागरूक कर रहा है। इसी तरह जब सेवा प्रदान करने में देरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो इससे सरकारी विभागों को मदद मिलेगी। स्थिति में सुधार होगा और आम जनता को राहत मिलेगी। उन्होंने ये बात गुरुवार (09 सितंबर 2021) को सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों (Administrative Officers) समेत गणमान्य लोगों से कही।
सेवा अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि आयोग का उद्देश्य है कि आम जनता के सभी काम समय पर पूरे हों और वे लोग सरकारी कार्यों से संतुष्ट हों। उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 विभागों की 546 सेवाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित (Notified Services) किया है।
प्रत्येक सेवा के लिये समय सीमा निर्धारित की गयी है। सरकारी विभाग के अधिकारी जनता को सभी सेवायें निर्धारित समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराएंगे। इस दौरान अधिकारी जनता के काम को टालेंगे नहीं बल्कि उन्हें संतुष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है कि सभी लोगों को सभी सेवायें समयबद्ध तरीके से उपलब्ध हों।
मुख्य आयुक्त ने अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि सरकारी काम में देरी करने वाले अधिकारी या कर्मचारी पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ये जुर्माना संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के वेतन से काटा जायेगा। अगर किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन गुना से ज़्यादा का जुर्माना लगाया जाता है तो आयोग उसके निलंबन की सिफारिश (Suspension Recommendation) उसके विभाग को करेगा। इसके अलावा सरकारी सुविधाओं में देरी की हालातों में आयोग पीड़ित आवेदक को 5,000 रुपये तक का मुआवजा दे सकता है।