न्यूज डेस्क (अपराजिता कौशिक): सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से कहा है कि महिलाओं को इस साल ही राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में बैठने की मंजूरी दी जानी चाहिए, न कि अगले साल मई में होने वाली परीक्षा में। शीर्ष अदालत ने केंद्र के उस अनुरोध को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि महिला उम्मीदवारों को अगले साल से एनडीए की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
रक्षा मंत्रालय ने इस मामले पर पहले कहा था कि महिला उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाली अधिसूचना मई 2022 तक जारी की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो अपने अंतरिम आदेश (Interim Order) को रद्द नहीं कर सकता है, जिसमें महिलाओं को इस साल नवंबर 2021 में एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गयी थी।
अदालत ने आगे ये भी कहा कि वे नहीं चाहते कि महिलाओं को परीक्षा में बैठने के उनके अधिकार से वंचित किया जाये। ये कवायद इसी साल रक्षा विभाग द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सहयोग से किया जाना जरूरी है। इसमें ये भी कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय आपात प्रशासनिक स्थितियों (Emergency Administrative Situations) से निपटने के लिये अच्छी तरह मुस्तैद है।
बीते मंगलवार (21 सितंबर 2021) अदालत में रक्षा मंत्रालय ने हलफ़नामा (Affidavit) पेश किया और कहा कि एनडीए परीक्षा के संबंध में अधिसूचना (Notification) अगले साल मई में जारी की जायेगी। जिसके तहत एनडीए की परीक्षाओं में महिलायें भी बैठ सकेगी। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने ये भी कहा कि उन्हें इस बदलाव के लिये जरूरी तैयारियां करने के लिये वक़्त चाहिये।
हलफनामे में कहा गया है, "सरकार अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप अपना पक्ष साफ करती है कि महिला उम्मीदवारों को एनडीए के माध्यम से भारतीय सेना के तीनों अंगों में प्रवेश देने के लिये तैयार है। इस साल की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों (Armed Forces) से परामर्श करने के बाद घोषणा की थी कि महिलाओं को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिये, इस फैसले की देश भर में कई लोगों ने सराहना की थी।