न्यूज डेस्क (वृंदा प्रियदर्शिनी): ब्लूमबर्ग के मुताबिक आज (1 अक्टूबर 2021) कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (AIR India) के लिये टाटा संस ने बोली जीत ली है। रिपोर्टों के मुताबिक मंत्रियों के एक पैनल ने इंडियन एयरलाइंस के ऑपरेटर स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के प्रस्ताव से पहले सॉल्ट टू सॉफ्टवेयर समूह की सिफारिश करने वाले अधिकारियों के एक प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।
फिलहाल टाटा संस (Tata Sons) के प्रवक्ता ने इस मामले पर बयान देने से इनकार कर दिया। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस मामले पर रॉयटर्स को कुछ बताने से मना कर दिया है, जबकि एयर इंडिया ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार साल 2012 से घाटे में चल रही एयरलाइन में अपने पूरे स्टेक बेचने पर जोर दे रही है।
अधिकारियों ने कहा है कि सरकार को नेशनल एयरलाइन चलाने के लिये हर दिन लगभग 200 मिलियन रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे अब तक सरकार को 700 अरब रुपये (9.53 अरब डॉलर) से ज़्यादा का नुकसान हुआ है। लगभग तीन साल पहले भी बोली की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें बड़ी हिस्सेदारी की नीलामी किसी ने नहीं लगायी। इस वज़ह से नीलामी की बोली में सरकार को शर्तों में ढील देनी पड़ी। महामारी के दौरान नीलामी की प्रक्रिया (Auction Process) कई बार बढ़ाया गया।
गौरतलब है कि एयर इंडिया की स्थापना टाटा संस ने ही की थी, जिसका अधिग्रहण तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू ने भारत सरकार में कर दिया। इस तरह उस दौरान टाटा संस ने खुशी खुशी एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण (Nationalization of Air India) करवा दिया। एयर इंडिया का मस्कट महाराजा भी टाटा संस की ही देन है।