न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri Incident) की गूंज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सुनायी दी। जिस तरह से लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और शाहजहांपुर की सीमाओं की सील कर विपक्षी नेताओं को पीड़ित किसानों से मिलने से रोका गया, उसकी भर्त्सना पूरे देशभर में हुई। उत्तर प्रदेश प्रशासन के निर्देशों पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की नज़रबंदी करने की कोशिश और उन्हें पुलिस द्वारा ज़बरन रोकने के मामले पर सपा कार्यकर्ताओं ने गहरा रोष ज़ाहिर किया।
इसी क्रम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (SP supremo Akhilesh Yadav) की गैरकानूनी गिरफ्तारी और मौजूदा हालातों के विरोध करने के लिये सपा नेता विशाल यादव (SP leader Vishal Yadav) की अगुवाई में कई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुंगरा बादशाहपुर और मच्छली शहर (Mungra Badshahpur and Machhali Shehar) में भारी विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूरा इलाका समाजवादी पार्टी के झंड़ों और लाल टोपियों से पटा दिखा। इस प्रदर्शन में विशाल यादव ने समाजवादी पार्टी की युवा शक्ति की ताकत भी दिखायी। सपा द्वारा तैयार की गयी विरोध की बयार सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर साफ दिखायी दी। सोशल मीडिया पर बीते सोमवार (4 अक्टूबर 2021) दिनभर #नहीं चाहिए भाजपा और #मछलीशहर_तहसील ट्रैंड करता दिखा।
विशाल यादव की नेतृत्व में बुलाये गये इस धरना प्रदर्शन की खास बात ये रही कि माहौल पूरी तरह अनुशासित रहा। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा तहसील के घेराव करने के दौरान पुलिस और प्रशासन को किसी तरह मशक्कत नहीं करनी पड़ी। बेहद सूझबूझ और समझदारी के साथ सपा कार्यकर्ताओं ने कानून के दायरे में रहते हुए अपना रोष ज़ाहिर किया। स्थानीय लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और कानून व्यवस्था का माहौल कायम रहे इसके लिये विशाल यादव ने अपना युवा साथियों को खास निर्देश जारी किये थे।
मीडिया से बातचीत के दौरान विशाल यादव ने कहा कि- मोदी और योगी सरकार का मौजूदा रवैया संवैधानिक शुचिता और लोकतांत्रिक अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। किसानों की ज़ायज़ मांगों को सरकार ने अपने लिये अहम का प्रश्न बना लिया है। जो कि सरासर गलत है। सपा पूरी तरह के देश के किसानों के साथ है, इसलिये हम तीनों विवादस्पद कृषि कानून (Controversial Agricultural Laws) का पुरजोर विरोध करते है। जिस तरह से योगी सरकार ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को गैरकानूनी तौर पर हिरासत में लिया इससे पता लगता है कि भाजपा किस तरह अखिलेश यादव से घबरायी हुई है। सपा का बढ़ता सियासी कद भाजपा के लिये खतरे की घंटी बनता जा रहा है। जिससे परेशान होकर यूपी प्रशासन को हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के लिये निर्देश दिये जा रहे है। प्रदेश के किसान और आम जनता ने भाजपा के खिलाफ मन तैयार कर लिया है। 2022 के चुनावों में इसका करारा ज़वाब भाजपा को मिलेगा।
जाने युवा सपा नेता विशाल यादव के बारे में
विशाल यादव समाजवादी पार्टी में युवा नेतृत्व की रीढ़ है। उन्हें अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में गिना जाता है। युवाओं से जुड़े मुद्दे पर पार्टी आलाकमान अक्सर उनसे रायशुमारी करती रही है। पत्रकारिता से लेकर समाजसेवा करने में उनका लंबा योगदान रहा है। अक्सर उन्हें मुंगरा बादशाहपुर और मच्छली शहर में आम जनता के मुद्दों और उनके दुख सुख में शरीक होते देखा गया है। सहज़ व्यक्तित्व और निर्विवाद छवि उन्हें युवा के बीच काफी लोकप्रिय बनाती है। हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था के बिगड़ते माहौल पर काफी मुखर होते देखा गया है। स्थानीय युवाओं के बीच उनका काफी दबदबा है। जिसके कारण उनकी सभाओं और स्थानीय दौरों में युवा की भीड़ उमड़ती देखी गयी है।