न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): केंद्र ने हाल ही में पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम की तीनों राष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार किया है। मोदी सरकार के इस ताजातरीन फरमान के बाद इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। खासतौर से विपक्षी दल इस नयी कवायद की काफी मुखालफत कर रहे है।
सरकार ने इन तीन राज्यों में बीएसएफ अधिनियम (BSF Act) में संशोधन करने का फैसला किया है, जो सीमा सुरक्षा बल को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से बड़े दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार देगा। पहले ये क्षेत्र 15 किलोमीटर के दायरे में था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की, जिसके तहत पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा (International Border) साझा करने वाले तीन राज्यों में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया गया। जिसके अन्तर्गत पंजाब में भारत-पाकिस्तान और असम-पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर बीएसएफ के क्षेत्राधिकार का विस्तार किया गया है।
हालांकि इन तीन राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया गया है, लेकिन गुजरात में अधिकार क्षेत्र जो पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करता है, को 80 किलोमीटर से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। इसके अलावा बीएसएफ नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और लद्दाख में भी तलाशी और गिरफ्तारी करने में सक्षम होगी।
इस बीच पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के साथ साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए बीएसएफ अधिकार क्षेत्र के लिये कोई विशेष सीमा निर्धारित नहीं की गयी है।
इस कवायद से साफतौर पर समझा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने और सीमा सुरक्षा बल को पासपोर्ट अधिनियम, विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, विदेशी अधिनियम, नमक अधिनियम और अन्य अधिनियमों के तहत होने वाले अपराध में बड़े पैमाने पर तलाशी और गिरफ्तारी (Search And Arrest) को अंजाम देने के लिये अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया गया है।
इस मुद्दे पर बीएसएफ के आला अधिकारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार के इस नये कदम से सीमापार अपराधों को रोका जा सकेगा। उन्होंने ये भी कहा है कि इससे सीमावर्ती राज्यों में किये जाने वाले बीएसएफ के अभियानों में एकरूपता भी आयेगी।
बीएसएफ ने अपने एक बयान में कहा, "11 अक्टूबर को लागू किया गया संशोधन उस क्षेत्र को परिभाषित करने में एकरूपता स्थापित करता है, जिसके भीतर सीमा सुरक्षा बल अपने कर्तव्यों के चार्टर के मुताबिक काम कर सकता है। इसकी मदद से तैनाती वाले इलाकों में सीमा सुरक्षा की अपनी भूमिका और कामों को बेहतर ढंग से अंज़ाम दे सकता है।"
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव पर असंतोष ज़ाहिर किया, जो कि बीएसएफ को पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 50 किलोमीटर के दायरे में काम करने की इज़ाजत देगा। सीएम चन्नी के मुताबिक केंद्र सरकार का ये कदम भारत की संघीय प्रणाली पर सीधा हमला है।
सीएम चन्नी ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि, "मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ चलने वाले 50 किलोमीटर दायरे के भीतर बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला (Attack On Federalism) है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।