न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): आज (24 अक्टूबर 2021) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के जरिये राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होनें 100 करोड़ टीकाकरण (Hundred crore vaccinations) का जिक्र किया। साथ ही उन्होनें राष्ट्रीय एकता दिवस और भगवान बिरसा मुंडा (Bhagwan Birsa Munda) की जयंती के बारे में देश को संबोधित किया। साथ ही पीएम मोदी ने देश के युवाओं से बिरसा मुंडा के बारे में जानने और पर्यावरण संरक्षण करने की भी अपील की।
कार्यक्रम के बीच पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की ड्रोन नीति (Drone Policy) के बारे में बताया और दावा किया कि ड्रोन का इस्तेमाल कोरोना टीकों की डिलीवरी में किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होनें इस क्षेत्र में स्टार्ट-अप समेत भविष्य में निवेश की संभावनाओं (Investment Prospects) के बारे में वक्तव्य जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना, नौसेना और आईएएफ ने भारतीय कंपनियों को ड्रोन के लिये 500 करोड़ रुपये से ज़्यादा के ऑर्डर दिये हैं।
Mann Ki Baat कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी कहीं ये अहम बातें
- मेरे प्यारे देशवासियो, आप सभी को नमस्कार। कोटि-कोटि नमस्कार। मैं कोटि-कोटि नमस्कार इसलिए भी कह रहा हूं कि 100 करोड़ vaccine dose के बाद आज देश नए उत्साह, नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। हमारे vaccine कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है।
- सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है। मैं अपने देश, अपने देश के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूँ। 100 करोड़ vaccine dose का आंकड़ा बहुत बड़ा जरूर है लेकिन इससे लाखों छोटी-छोटी प्रेरक और गर्व से भर देने वाली अनेक अनुभव, अनेक उदाहरण जुड़े हुए हैं।
- मैं जानता था कि हमारे Healthcare Workers देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। लाखों Health Workers के परिश्रम की बदौलत ही भारत 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का पड़ाव पार कर सका है। आज मैं हर उस भारतवासी का आभार व्यक्त करता हूं जिसने 'सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन' अभियान को इतनी ऊंचाई दी, कामयाबी दी।
- मैं आज ‘मन की बात’ के श्रोताओं को उत्तराखंड के बागेश्वर के एक ऐसी ही एक Healthcare Worker पूनम नौटियाल जी से मिलवाना चाहता हूँ। ये बागेश्वर उत्तराखंड की उस धरती से है जिस उत्तराखंड ने शत-प्रतिशत पहला dose लगाने का काम पूरा कर दिया है।
- उत्तराखंड सरकार भी इसके लिए अभिनन्दन की अधिकारी है, क्योंकि, बहुत दुर्गम क्षेत्र है, कठिन क्षेत्र है। हिमाचल ने भी ऐसी कठिनाइयों में शत-प्रतिशत dose का काम कर लिया है। मुझे बताया गया है कि पूनम जी ने अपने क्षेत्र के लोगों के vaccination के लिए दिन-रात मेहनत की है
- अगले रविवार, 31 अक्तूबर को, सरदार पटेल जी की जन्म जयंती है। ‘मन की बात’ के हर श्रोता की तरफ से, और मेरी तरफ से, मैं, लौहपुरुष को नमन करता हूँ। सरदार साहब कहते थे कि हम अपने एकजुट उद्यम से ही देश को नई महान ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं।
- अगर हममें एकता नहीं हुई तो हम खुद को नई-नई विपदाओं में फंसा देंगे। यानी राष्ट्रीय एकता है तो ऊंचाई है, विकास है। हमारी आजादी का आंदोलन तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 31 अक्तूबर को हम ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी-ना-किसी गतिविधि से जरुर जुड़ें।
- जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की कई बहनों के बारे में भी मुझे पता चला है। ये बहनें कश्मीर में सेना और सरकारी दफ्तरों के लिए तिरंगा सिलने का काम कर रही हैं। ये काम देशभक्ति की भावना से भरा हुआ है। मैं इन बहनों के जज़्बे की सराहना करता हूँ।
- अमृत महोत्सव में भी अपनी कला, संस्कृति, गीत, संगीत के रंग अवश्य भरने चाहिये। मुझे भी आपकी तरफ से अमृत महोत्सव और गीत-संगीत-कला की इस ताकत से जुड़े ढ़ेरों सुझाव आ रहे हैं। ये सुझाव, मेरे लिए बहुत मूल्यवान हैं। मैंने इन्हें संस्कृति मंत्रालय को अध्ययन के लिए भेजा था। मुझे खुशी है कि मंत्रालय ने इतने कम समय में इन सुझावों को बड़ा गंभीरता से लिया, और उस पर काम भी किया। इन्हीं में से एक सुझाव है, देशभक्ति के गीतों से जुड़ी प्रतियोगिता!
- हमारे यहां रंगोली के जरिए त्योहारों में रंग भरने की परंपरा तो सदियों से है। रंगोली में देश की विविधता के दर्शन होते हैं। संस्कृति मंत्रालय इससे भी जुड़ा एक National Competition करने जा रहा है। आप कल्पना करिए, जब आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली बनेगी, लोग अपने द्वार पर, दीवार पर, किसी आजादी के मतवाले का चित्र बनाएंगे, आजादी की किसी घटना को रंगों से दिखाएंगे, तो अमृत महोत्सव का भी रंग और बढ़ जाएगा।
- एक और विधा हमारे यहाँ लोरी की भी है। हमारे यहाँ लोरी के जरिए छोटे बच्चों को संस्कार दिए जाते हैं, संस्कृति से उनका परिचय करवाया जाता है। लोरी की भी अपनी विविधता है। तो क्यों न हम, अमृतकाल में, इस कला को भी पुनर्जीवित करें और देशभक्ति से जुड़ी ऐसी लोरियां लिखें, कविताएं, गीत, कुछ-न-कुछ जरुर लिखें जो बड़े आसानी से, हर घर में माताएँ अपने छोटे-छोटे बच्चों को सुना सके?
- आप सब श्रोताओं के सुझाव के बाद मंत्रालय ने इससे जुड़ी प्रतियोगिता भी कराने का निर्णय लिया गया है। ये जानकारी मंत्रालय की website पर भी रहेगी, और social media पर भी दी जाएगी। मैं चाहूँगा कि आप सभी इससे जुड़े। हमारे युवा-साथी जरुर इसमें अपनी कला का, अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें।
- अगले महीने, 15 नवम्बर को हमारे देश के महापुरुष, वीर योद्धा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म-जयंती आने वाली है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों की प्रति गर्व करना सिखाया।
- British हुकूमत ने उन्हें जेल में डाला, उन्हें इस कदर प्रताड़ित किया गया कि 25 साल से भी कम उम्र में वो हमें छोड़ गए। वो हमें छोड़कर गए, लेकिन केवल शरीर से। जनमानस में तो भगवान बिरसा मुंडा हमेशा-हमेशा के लिए रचे-बसे हुए हैं। लोगों के लिए उनका जीवन एक प्रेरणा शक्ति बना हुआ है।
- आज 24 अक्टूबर, को UN Day यानि ‘सयुंक्त राष्ट्र दिवस’ मनाया जाता है। ये वो दिन है जब सयुंक्त राष्ट्र का गठन हुआ था। सयुंक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से ही भारत इससे जुड़ रहा है। सयुंक्त राष्ट्र से जुड़ा एक अनोखा पहलू ये है कि सयुंक्त राष्ट्र का प्रभाव और उसकी शक्ति बढ़ाने में, भारत की नारी शक्ति ने, बड़ी भूमिका निभाई है। 1947-48 में जब UN Human Rights का Universal Declaration तैयार हो रहा था तो उस Declaration में लिखा जा रहा था All Men are created Equal. लेकिन भारत के एक Delegate ने इस पर आपत्ति जताई और फिर Universal Declaration में लिखा गया- All Human Beings are created Equal
- क्या आप जानते हैं कि श्रीमती हंसा मेहता वो Delegate थी जिनकी वजह से ये संभव हो पाया, उसी दौरान, एक अन्य Delegate श्रीमती लक्ष्मी मेनन ने Gender Equality के मुद्दे पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी थी? यही नहीं, 1953 में श्रीमती विजया लक्ष्मी पंडित, UN General Assembly की पहली महिला President भी बनी थीं।
- भारत ने सदैव विश्व शांति के लिए काम किया है। इस धरती को एक बेहतर और सुरक्षित Planet बनाने में भारत का योगदान, विश्व भर के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। हमें इस बात का गर्व है कि भारत 1950 के दशक से लगातार सयुंक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा रहा है। इसके अलावा योग और आयुष को लोकप्रिय बनाने के लिए भारत WHO यानि World Health Organisation के साथ मिलकर काम कर रहा है। मार्च, 2021 में WHO ने घोषणा की थी कि भारत में पारंपरिक चिकित्सा के लिए एक Global Centre स्थापित किया जाएगा।
- सयुंक्त राष्ट्र के बारे में बात करते हुए आज मुझे अटल जी के शब्द भी याद आ रहे हैं। 1977 में उन्होंने सयुंक्त राष्ट्र को हिंदी में संबोधित कर इतिहास रच दिया था। आज मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं को, अटल जी के उस संबोधन का एक अंश सुनाना चाहता हूँ। अटल जी की बातें हमें आज भी दिशा दिखाती हैं। इस धरती को एक बेहतर और सुरक्षित Planet बनाने में भारत का योगदान, विश्व भर के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
- अभी कुछ दिन पहले ही 21 अक्टूबर, को हमने पुलिस स्मृति दिवस मनाया है। पुलिस के जिन साथियों ने देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर किए हैं, इस दिन हम उन्हें विशेष तौर पर याद करते हैं। मैं आज अपने इन पुलिसकर्मियों के साथ ही उनके परिवारों को भी याद करना चाहूंगा। परिवार के सहयोग और त्याग के बिना पुलिस जैसी कठिन सेवा बहुत मुश्किल है।
- पहले ये धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है। लेकिन आज ऐसा नहीं है। Bureau of Police Research and Development के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या Double हो गई है।
- आज देश की बेटियाँ कठिन से कठिन Duty भी पूरी ताकत और हौसले से कर रही हैं। उदाहरण के लिए, कई बेटियां अभी सबसे कठिन मानी जाने वाली Trainings में से एक Specialized Jungle Warfare Commandos की Training ले रही हैं। ये हमारी Cobra Battalion का हिस्सा बनेंगी। महिला सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से लोगों में, विशेषकर महिलाओं में सहज ही एक विश्वास पैदा होता है। वे उनसे स्वाभाविक रूप से खुद को जुड़ा महसूस करती हैं। महिलाओं की संवेदनशीलता की वजह से भी लोग उन पर ज्यादा भरोसा करते हैं।
- भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से है, जो Drone की मदद से अपने गांव में जमीन के Digital Record तैयार कर रहा है। पहले इस Sector में इतने नियम, कानून और प्रतिबंध लगाकर रखे गए थे कि Drone की असली क्षमता का इस्तेमाल भी संभव नहीं था। जिस Technology को अवसर के तौर पर देखा जाना चाहिए था, उसे संकट के तौर पर देखा गया। हमने तय किया कि इस Mindset को बदला जाए और नए Trends को अपनाया जाए। इसीलिए इस साल 25 अगस्त को देश एक नई Drone नीति लेकर आया। हमें Drone Technology में अग्रणी देश बनना है। इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है।
- जहाँ सफाई है, वहाँ स्वास्थ्य है, जहाँ स्वास्थ्य है, वहाँ सामर्थ्य है। और जहाँ सामर्थ्य है, वहाँ समृद्धि है। इसलिए तो देश स्वच्छ भारत अभियान पर इतना जोर दे रहा है। स्वच्छता के प्रयास तभी पूरी तरह सफल होते हैं जब हर नागरिक स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझे। अभी दीपावली पर हम सब अपनी घर की साफ़ सफाई में तो जुटने ही वाले हैं। लेकिन इस दौरान हमें ध्यान रखना है कि हमारे घर के साथ हमारा आस-पड़ोस भी साफ़ रहे।
- मैं जब स्वच्छता की बात करता हूँ तब कृपा कर के Single Use Plastic से मुक्ति की बात हमें कभी भी भूलना नहीं है। तो आइये, हम संकल्प लें कि स्वच्छ भारत अभियान के उत्साह को कम नहीं होने देंगे। हम सब मिलकर अपने देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाएँगे और स्वच्छ रखेंगे।
- इतने त्योहार एक साथ होते हैं तो उनकी तैयारियाँ भी काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। आप सब भी अभी से खरीदारी का plan करने लगे होंगे, लेकिन आपको याद है न, खरीदारी मतलब ‘Vocal For Local’. आप local खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी।