नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): आज (8 नवंबर 2021) छठ पूजा (Chhath Puja) के पहले दिन तड़के सुबह कालिंदी कुंज के पास जहरीले झाग (Poisonous Foam) की मोटी परत से ढके पानी में डुबकी लगाने के लिये श्रद्धालु यमुना नदी के पास इकट्ठा हुए। जैसे तैसे कई श्रद्धालुओं के पूजा की रस्में अदा की लेकिन इस दौरान वो काफी निराश दिखे।
मौके पर मौजूद कई लोगों ने एक सुर में कहा कि छठ पूजा के अवसर पर नदी में डुबकी लगाने का महत्व होता है लेकिन यहां पानी काफी गंदा है। ये लोगों लिए परेशानी पैदा कर रहा है। इससे कई बीमारियां भी हो सकती हैं लेकिन श्रद्धालु बेबस हैं। पानी की सफाई और घाट बिहार में बहुत बेहतर हैं। दिल्ली सरकार (Delhi Government) को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटों की सफाई हो।
एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि "पानी बेहद गंदा है, लेकिन हम क्या कर सकते हैं? हमें स्नान है। मैं बांका बिहार से हूं। सुल्तानगंज में पानी अच्छा है। लेकिन हमें मज़बूरन यहां आना पड़ा क्योंकि हमारा परिवार यहां रहता है।" एक स्थानीय निवासी जो कि गोताखोर (Diver) भी है, उन्होनें कहा कि- ज़हरीले प्रदूषकों (Toxic Pollutants) से बना झाग करीब एक महीने से बना हुआ है। मैं एक गोताखोर हूं और पिछले 25 सालों से यहां रह रहा हूं। लोग साबुन और शैंपू से नहाते हैं और अपने कपड़े भी धोते हैं। यहां हर घर से नालियों से पानी यमुना जी में आ रहा है। इससे झाग बनता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, नदी में डिटर्जेंट समेत औद्योगिक प्रदूषकों को छोड़े जाने के बाद उच्च फॉस्फेट (High Phosphate) बनने के कारण जहरीला झाग बनता है। साथ ही नदी में अमोनिया (Ammonia) का स्तर भी बढ़ रहा है।
छठ पूजा सूर्य भगवान को समर्पित है और ये पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके के लोगों द्वारा मनाई जाती है। हिंदू परंपरा (Hindu tradition) के अनुसार भक्त कृतज्ञता व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सूर्य भगवान और उनकी अर्धांगिनी उषा की पूजा करते हैं। चार दिवसीय उत्सव (Four Day Festival) के दौरान भक्त इकट्ठा होते हैं और नदियों और तालाबों में पवित्र डुबकी लगातार छठ व्रत संबंधी विधानों को पूरा करते है।