6 दिसंबर को भारत दौरे पर आ सकते है रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) दिसंबर के पहले हफ़्ते में भारत आ सकते है, दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन (Annual Summit) के लिये संभावित तारीख 6 दिसंबर है। दिल्ली की एक दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे। इस यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। ये शिखर सम्मेलन ऐसे वक़्त में हो रहा है, जब S400 एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) का पहला बैच इस साल के आखिर तक भारत पहुंचने वाला है।

पुतिन आखिरी बार साल 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये भारत आए थे। दिलचस्प बात ये है कि उस यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच S400 प्रणाली के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किये गये थे। रूसी राष्ट्रपति की दिल्ली यात्रा इस साल उनकी दूसरी एकमात्र विदेशी यात्रा होगी। गौरतलब है कि पुतिन की इस साल की पहली विदेश यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) के साथ शिखर स्तरीय बैठक के लिये जिनेवा की यात्रा होगी।

पिछले साल कोविड-19 संकट के कारण वार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हो सका। रूस और जापान ही ऐसे दो देश हैं जिनके साथ भारत का वार्षिक शिखर-स्तरीय तंत्र है जो संबंधित देशों के बीच बारी-बारी से चलता है। अब तक भारत और रूस में वैकल्पिक तौर पर 20 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। साल 2019 में पीएम मोदी ने सुदूर पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) का दौरा किया था और 5 वें पूर्वी आर्थिक मंच के मेहमान भी बने थे। भारत ने तब रूस के विकास में भारतीय व्यापार भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक बिलियन डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन (Soft Credit Line) का ऐलान किया था, खासतौर से सुदूर पूर्व के लिये।

शिखर सम्मेलन के दौरान स्वाभाविक तौर पर COVID संकट चर्चा का मुख्य विषय होगा। रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन (Sputnik V Vaccine) का उत्पादन भारत में किया जा रहा है, और COVID संकट की दूसरी घातक लहर के दौरान मास्को ने नयी दिल्ली को मानवीय सहायता भेजी थी। दोनों देश अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर भी काफी चितिंत है। रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (सुरक्षा परिषद के सचिव) निकोलाई पी. पात्रुशेव (Nikolai P. Patrushev) काबुल पर तालिबानी कब़्जे के बाद से हालातों पर चर्चा करने के लिये दो बार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।

दोनों मुल्कों के बीच रक्षा संबंध (Defence Relations) मजबूत कड़ी है, जिसमें रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा भागीदार है। चार प्रोजेक्ट 1135.6 फ्रिगेट्स का प्रोडक्शन और सह-उत्पादन, भारत में असॉल्ट राइफल - AK-203 का 100 फीसदी स्वदेशीकरण के जरिये उत्पादन, Su-30 MKI की अतिरिक्त सप्लाई, साथ ही मिग -29 के लिये गोला-बारूद की अतिरिक्त आपूर्ति, और VSHORAD सिस्टम दोनों देशों के बीच प्रमुख डिफेंस परियोजनाओं (Major Defence Projects) में शामिल हैं।

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