न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): राजस्थान में संभावित कैबिनेट फेरबदल से पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज (12 नवंबर 2021) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की और राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। बता दे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलाकमान के साथ बैठक के एक दिन बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा, “मैंने उनके साथ अपने विचार साझा किये हैं। ये अच्छा है कि वो सभी से फीडबैक ले रही हैं। ये सुनिश्चित करना अहम है कि राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता बरकरार रहे।” कांग्रेस नेता (Congress leader) ने आशा व्यक्त की कि पार्टी और आम आदमी के बीच विश्वास का पुल बनाने का काम करने वाले पार्टी सदस्यों को पदों के इनाम से नव़ाजा जाना चाहिये ताकि पार्टी के अन्य सदस्यों को लोगों के कल्याण के काम करने के लिये प्रेरित किया जा सके।
सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आगे कहा कि- मेरा मानना है कि पार्टी के वे सदस्य जिन्होंने भाजपा शासन (BJP rule) के दौरान संघर्ष किया, विरोध प्रदर्शन करके आम आदमी के मुद्दों को उठाया है, यहां तक कि सड़कों पर भी पीटे गये हैं, उन्हें पार्टी में प्रतिष्ठित पद के साथ सम्मान मिलना चाहिये ताकि वो कड़ी मेहनत कर सकें। इस बात पर जोर देते हुए उन्होनें दावा किया कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा राज्य में पार्टी के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही हैं। मैनें राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में सोनिया गांधी के सामने अपनी बात रखी है।
पायलट ने दावा किया कि हमने बहुत संक्षेप में राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) और संगठन पर चर्चा की। मैंने राजस्थान की राजनीतिक स्थिति के बारे में सोनिया गांधी के सामने अपनी बात रखी। मुझे खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष राजस्थान में रुचि ले रही हैं। सोनिया गांधी भी लगातार इस बारे में फीडबैक मांग रही हैं कि एक साल पहले बनी अजय माकन और केसी वेणुगोपाल (Ajay Maken and KC Venugopal) की समिति से क्या काम लिया जाना चाहिये।
कैबिनेट विस्तार (Cabinet Extension) के बारे में पूछे जाने पर सचिन पायलट ने कहा कि, ''अगर सही समय पर सरकार बदलने की जरूरत पड़ी तो एआईसीसी के प्रभारी महासचिव अजय माकन राजस्थान के संबंध में उचित फैसला लेंगे। हम अगला विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान की सूरत बदलना चाहते है।''
राजस्थान विधानसभा चुनावों के मुद्दे पर सचिन पायलट ने कहा कि - राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिये दो साल से भी कम समय बचा है, हम इसके लिए संगठन को मजबूत करना चाहते हैं। हमें मजबूती से लड़ना चाहिये। हम 2023 में फिर से सरकार बनाना चाहते है। हम सूबे की सत्ता में दुबारा कैसे चुनकर आये इस पर हमें ध्यान लगाना होगा। पार्टी अनुभव, विश्वसनीयता, क्षेत्रीय संतुलन, जाति संयोजन को ध्यान में रखते हुए फैसला लेगी। कांग्रेस 'एक नेता-एक पद' की नीति लागू करने पर विचार कर रही है।
बता दे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार (11 नवंबर 2021) को कहा था कि राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल पर कांग्रेस आलाकमान फैसला करेगा। इस मामले में गहलोत ने बीते गुरूवार को 10 जनपथ पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Congress interim president Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी। ये बैठक करीब एक घंटे तक चली थी।
माना जा रहा है कि कैबिनेट फेरबदल में 'एक नेता, एक पद' का फॉर्मूला जल्द ही कांग्रेस लागू करेगी। गहलोत मंत्रिमंडल के तीन वरिष्ठ सदस्यों को उनके पद से हटाये जाने की प्रबल संभावना है क्योंकि उन्हें पहले ही पार्टी में जिम्मेदारी दी जा चुकी है। राजस्थान पीसीसी प्रमुख गोविंद डोटासरा, एआईसीसी प्रभारी पंजाब के हरीश चौधरी, गुजरात के एआईसीसी प्रभारी रघु शर्मा के फेरबदल में बाहर होने की पूरी संभावना है।
अशोक गहलोत ने आज मीडिया के साथ कैबिनेट विस्तार पर बात की और कहा कि, "मैंने पार्टी आलाकमान को मौजूदा हालातों के बारे में जानकारी दी है। पार्टी आलाकमान राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल पर फैसला करेगी। अजय माकन (राज्य प्रभारी) सब कुछ जानते हैं। पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगी हम उसे स्वीकार करेंगे। मैं सिर्फ राजस्थान राज्य में सुशासन जारी रखना चाहता हूं।"
कई सियासी जानकारों का मानना है कि अपेक्षित कैबिनेट विस्तार राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिये रोडमैप तैयार करेगा।