केरल के वायनाड में सामने आया Norovirus का मामला

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): देश के कुछ हिस्सों में कोरोना-19 महामारी का कहर जारी है। अब एक और खतरनाक संक्रामक वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। केरल के वायनाड जिले में नोरोवायरस (Norovirus) के कई मामलों की पुष्टि हुई। राज्य सरकार ने लोगों को इस संक्रामक वायरस से सतर्क रहने की सलाह दी है।

हाल ही में वायनाड जिले (Wayanad District) के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय के लगभग 13 छात्रों में नोरोवायरस संक्रमण की जानकारी सामने आयी। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि हालातों को काबू में कर लिया गया है और आगे किसी तरह के जोखिम की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे प्रिवेंटिव कवायदों के तहत जागरूकता अभियान चलाने के अलावा पशु चिकित्सा विज्ञान कॉलेज के छात्रों के डेटाबेस भी तैयार कर रहे हैं।

इस वायरस को उल्टी बग (Vomiting Bug) के तौर पर भी जाना जाता है, नोरोवायरस अत्यधिक संक्रामक है जिससे कि ये उल्टी और दस्त का कारण बनता है लेकिन आमतौर पर इंसानी शरीर में इसका प्रकोप कुछ दिनों के लिये बरकरार रहता है। ये आमतौर पर सर्दियों के महीनों में अपने फैलाव और प्रकोप के चरम पर होता है।

हाल ही में पूरे इंग्लैंड में वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा कि वायरस का प्रकोप खासतौर से नर्सरी और चाइल्डकेयर सुविधाओं (Nursery and childcare facilities) में गर्मियों के महीनों के मुकाबले कहीं ज़्यादा तेजी से फैलता है। सभी आयु समूहों में प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि की गयी कि नोरोवायरस रिपोर्ट की कुल तादाद भी हाल ही में कोरोना-19 महामारी की तुलना में बीते साल के मुकाबले कई स्तरों पर बढ़ी हुई पायी गयी।

नोरोवायरस का असर

नोरोवायरस को आमतौर पर सर्दियों में उल्टी बग के तौर पर जाना जाता है। संक्रमित व्यक्तियों या दूषित सतहों के संपर्क में आने पर सेहतमंद लोगों में ये आसानी से फैलता है। नोरोवायरस काफी संक्रामक है और ये उल्टी और दस्त का कारण बनता है लेकिन आमतौर पर इसका असर शरीर में कुछ दिनों के लिये बना रहता है। इसका प्रकोप ज़्यादातर बड़ी तादाद वाले शैक्षिणक संस्थानों, नर्सरी और चाइल्डकेयर में देखा गया है।

इसके लक्षणों में खासतौर से शामिल है जी-मचलना, लगातार उल्टी और दस्त। इसके साथ ही तेज बुखार, पेट में दर्द और जोड़ों में दर्द भी इसके लक्षण है। नोरोवायरस वायरस से दूषित भोजन के जरिये भी फैलता है। खासतौर से वो भोजन जो वायरस संक्रमित लोगों द्वारा छुआ गया हो।

बरते ये सावधानियां

अगर आप नोरोवायरस के बताये गये लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो घर पर ही रहें। अपने हाथों को बार-बार अच्छी तरह साबुन और गर्म पानी से धोयें। कोविड-19 के उल्ट अल्कोहल जैल (Alcohol Gels) नोरोवायरस को नहीं मारते हैं, इसलिए साबुन और पानी सबसे अच्छे सैनिटाइजेशन के विकल्प हैं।

संभावित रूप से दूषित घरेलू सतहों को कीटाणुरहित करने के लिये ब्लीच-आधारित घरेलू क्लीनर (Bleach-Based Household Cleaner) या ब्लीच और गर्म पानी के मिक्सचर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर आपमें इस बीमारी या वायरस के लक्षण है तो खाना बनाने से बचे। किसी भी दूषित कपड़े या बिस्तर को डिटर्जेंट का इस्तेमाल करके और 60 डिग्री सेल्सियस पर धोयें, और अगर मुमकिन हो तो दूषित वस्तुओं को संभालने के लिये डिस्पोजेबल दस्ताने पहनें।

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