न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): आम आदमी पार्टी सरकार ने आज (15 नवंबर 2021) सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव पेश किया। जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण (Delhi air pollution) के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली में पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने के लिये तैयार हैं।
दिल्ली में खतरनाक तौर पर प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ने के कारण राजधानी में स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को बंद करने का फैसला लिये जाने के ठीक एक दिन बाद दिल्ली सरकार ने राजधानी में पूरी तरह से लॉकडाउन (Lockdown) लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक विस्तृत प्रस्ताव (Detailed Offer) प्रस्तुत किया।
दिल्ली में पूरी तरह लॉकडाउन लगाने के सुझाव के अलावा अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने आगे कहा कि ये बेहतर होगा कि पड़ोसी राज्यों समेत पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी तालाबंदी की जाये ताकि हवा की गुणवत्ता (Air Quality) में फौरी तौर पर सुधार हो सके।
दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट के बारे में विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि मौजूदा हालातों में दिल्ली और उत्तरी राज्यों में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है, क्योंकि ये प्रदूषण में सिर्फ 10 फीसदी का ही योगदान देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये कहते हुए फटकार लगायी कि वो वायु प्रदूषण के मुद्दे पर "बेबुनियादी बहाना" बना रही है और ऐसी हालातों में अदालत को "दिल्ली सरकार द्वारा इकट्ठे किये गये रेवन्यू का ऑडिट (Revenue Audit) करने के लिये मजबूर होना पड़ेगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में एयर क्वालिटी में पिछले कुछ दिनों में काफी सुधार देखा गया है, फिर भी ये अभी भी 'बहुत खराब' श्रेणी में है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक 15 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 318 था।
दिल्ली के अहम इलाके अभी भी प्रदूषण के धुएं की परत (Pollution Smoke Layer) से ढके हुए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में एयर क्वालिटी 333 थी और मथुरा रोड ने 329 की एक्यूआई की जानकारी सामने आयी। पूसा रोड ने 313 की एक्यूआई दर्ज किया गया जबकि आईआईटी दिल्ली में आज सुबह एक्यूआई का लेवल 302 दर्ज किया गया।