न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): Indian Navy: भारत नये हथियारों और टैक्नोलॉजी को अपने हथियारखाने में शामिल करके रक्षा प्रणालियों लगातार इज़ाफा कर रहा है। इसी फेहरिस्त में आज (21 नवंबर 2021) गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम (Guided Missile Destroyer Ship INS Visakhapatnam) भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है। इससे भारत की जंगी ताकत में काफी इज़ाफा होने वाला है
आईएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला अपनी तरह का पहला हैवी-ड्यूटी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक (heavy-duty stealth guided-missile destroyer) है। जहाज मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों हथियार इसमें खासतौर से तैनात किये गये है। ये विध्वंसक जहाज भारत की तटीय सुरक्षा को एक पायदान ऊपर ले जायेगा।
आईएनएस विशाखापत्तनम को सुपरसोनिक मिसाइलों, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, मध्यम और छोटी दूरी की बंदूकें और पनडुब्बी रोधी रॉकेट (Anti Submarine Rocket) से लैस किया गया है। साथ ही हाइटेक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (Hi-Tech Electronic Warfare) और संचार प्रणालियों को जाम करने के लिये इसमें घातक हथियारों और सेंसरों को लगाया गया है।
विध्वंसक जहाज में दो इंटीग्रेटिड हेलीकॉप्टरों को भी लगाया सकता है। इस विध्वंसक के हथियार प्रणालियों को परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क के साथ हाइलेवल ऑटोमेशन (High Level Automation) का भी दावा किया गया है। इसके अलावा इसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (Combat Management System) और इंटीग्रेटिड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम का मुकाबला करने की भी काबिलियत है।
आईएनएस विशाखापत्तनम जिसे आज भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है, ये 35,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 15बी का पहला स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक है, जिसके तहत कुल चार युद्धपोत बनाये जा रहे हैं।
प्रोजेक्ट 15बी का दूसरा जहाज साल 2023 में भारतीय नौसेना में शामिल किया जायेगा जबकि अन्य दो जहाजों को साल 2025 तक शामिल किया जायेगा। इसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस ऑर्गनाइजेशन नेवी डिजाइन डायरेक्टरेट (Naval Design Directorate) द्वारा डिजाइन किया गया है। इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (Mazagon Dockyard Limited) द्वारा बनाया गया है।
इसे भारत के सबसे शक्तिशाली युद्धपोत के तौर पर देखा जा रहा है। आईएनएस विशाखापत्तनम की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है, जिसमें 7,400 टन का डिस्प्लेसमेंट है। जहाज 30 समुद्री मील से ज़्यादा की रफ्तार हासिल कर सकता है। इसे चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें मॉर्डन सर्विलांस रडार (Modern Surveillance Radar) भी लगाया गया है जो जहाज के तोपखाने की हथियार प्रणालियों को टारगेट का डेटा मुहैया करवाता है।
आईएनएस विशाखापत्तनम भले ही ये मौटे पर एक गाइडेड-मिसाइल डिस्टॉयर है, लेकिन इसमें स्वदेशी तौर पर विकसित रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर और एंटी-सबमरीन वारफेयर हेलीकॉप्टर (Anti-Submarine Warfare Helicopter) समेत कई खासियतें हैं। ये न्यूक्लियर, बॉयोलॉजिकल और कैमिकम (एनबीसी) लड़ाई के हालातों में दुश्मन को मुहंतोड़ ज़वाब देने में पूरी तरह सक्षम है।
आईएनएस को आज (21 नवंबर 2021) एक खास कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी नौसेना कमान (Western Naval Command) में शामिल करवाया जायेगा। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवायेगें।