Rashtriya Annadata Union: किसान हितैषी तीनों कृषि बिलों की हो वापसी: रामनिवास यादव

न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): आज (26 नवंबर 2021) संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन (Rashtriya Annadata Union) के कई आला पदाधिकारियों ने तीनों कृषि की वापसी का पुरजोर समर्थन करते हुए फर्जी किसान यूनियनों का विरोध किया। इस मौके पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनिवास यादव (President Ram Niwas Yadav) ने कहा कि- टिकैत और उनके साथ शामिल कथित किसान नेताओं के साथ ही विपक्षी पार्टियां चाहती है कि किसान सीधे व्यापारियों से ना जुड़ सके बल्कि मंडियों के बिचौलिये से जुड़े रहे और उनका शोषण करते रहें। जिससे इनके लोगों को मोटा कमीशन मिलता रहे।

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाते हुए यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि- इस कथित किसान आंदोलन की गोपनीय तरीके से जांच करायी जाये। राष्ट्र विरोधी तत्वों (Anti National Elements) के इशारों पर देश को नुकसान पहुंचाने के लिए ये आंदोलन करवाया जा रहा है जबकि बहुत से विशेषज्ञ ये सुनिश्चित कर चुके हैं कि तीनों नये कृषि कानूनों से किसानों को बहुत फायदा होने वाला है और इसके बावजूद देश के किसानों को नुकसान और देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने के लिये इन कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया गया।

लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात करते हुए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनिवास यादव ने कहा कि देश के कई कृषि विशेषज्ञ (Agricultural Specialist) बार-बार ये कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानूनों को लागू होना चाहिये जिससे किसानों की आय बढ़ सके उन्हें अपना उत्पाद अपने मनचाहे मूल्य पर किसी भी छोटे-बड़े व्यापारी को कहीं भी बेचने की आजादी मिल सके। किसानों को मंडी शुल्क से आजादी मिल सके और वो खुद अपने उत्पादों के व्यापारी बन सके।

फर्जी किसान यूनियनों और मंडी बिचौलिया गैंग (Fake farmer unions And Mandi Middleman Gang) की तरफ इशारा करते हुए रामनिवास यादव ने कहा कि- राष्ट्र और किसान विरोधी ताकतें देश के किसानों का भला नहीं चाहती है। देश का आर्थिक विकास (Economic Development) नहीं चाहती इसीलिए किसानों को गुमराह किया जा रहा है। वही कथित किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अपने निजी लाभ के लिये देश के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। राकेश टिकैत चाहते हैं कि किसान मंडियों में सक्रिय बिचौलियों और दलालों के जाल में फंसे रहे। ये गिरोह किसानों की फसलों का ज्यादातर मुनाफा खा जाता हैं. जिसके कारण किसानों को सही कीमत नही मिलती है। इसलिए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे आंदोलन की जांच कराकर आंदोलन में मिलने वाली विदेशी फंडिंग और आतंकी संगठनों (Foreign funding and terrorist organizations) के सहयोग का खुलासा करें और दोषियों को जेल भेजें। 

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