एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): पाकिस्तान (Pakistan) के समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट पश्तून आंदोलन के नेता एमएनए अली वज़ीर (MNA Ali Wazir, leader of the Pashtun movement) की अपील पर सोमवार (29 नवंबर 2021) को सुनवाई करेगा। इसी मामले की सुनवाई पहले सिंध उच्च न्यायालय (Sindh High Court) कर रहा था। उस दौरान सिंध हाईकोर्ट ने अली वज़ीर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पश्तून नेता भड़काऊ भाषण से जुड़े मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे है।
इससे पहले वज़ीर को सिंध पुलिस की गुज़ारिश पर 16 दिसंबर 2020 को पेशावर में गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान वो कराची के लिये उड़ान पर थे। पाकिस्तानी अखबार द डॉन (Pakistani newspaper The Dawn) के मुताबिक 6 दिसंबर 2020 को कराची में विरोध रैली में वजीर को हिरासत में ले लिया गया था। उन पर पाकिस्तानी हुकूमत (Pakistani government) के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगा था।
इसके अलावा उनके खिलाफ पश्तून अधिकारों के लिये आवाज उठाने के लिये भी एफआईआर दर्ज की गयी है। जिसके बाद पीटीएम विधायक ने अपने वकील के जरिये कराची में आतंकवाद विरोधी अदालत (Anti-Terrorism Court -ATC) के बाद जमानत के लिये सिंध राज्य मानवाधिकार आयोग (Sindh State Human Rights Commission - SHC) से संपर्क किया था। इस साल फरवरी में इसी तरह के उनके एक और आवेदन को खारिज कर दिया गया।
सिंध का एसएचसी ये नोट करने में नाकाम रहा कि मुकदमे के दौरान उनके खिलाफ कभी भी कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया था। एसएचसी ने आगे ये कहा कि अली वज़ीर के भाषण जो कि में है, उनमें उन्होनें पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अभद्र, अश्लील और असभ्य भाषा और शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे संभावित तौर पर दंगें, असामंजस्यता और प्रांतीय वैमन्य (Provincial Animosity) वाले मतभेद बढ़ सकते थे।
दूसरी ओर अली वज़ीर के वकील ने देशद्रोह मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने के लिये शीर्ष अदालत के सामने याचिका दायर की है। एमएनए अली वज़ीर पाकिस्तान में स्थित पश्तून नेताओं की बढ़ती तादाद में से एक है, जो कि इमरान सरकार से पश्तूनों के अधिकारों की मांग लगातार कर रहे हैं।