न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): पिछले कुछ महीनों के दौरान कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थामा। जिसके बाद कांग्रेस (Congress) ने अब ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी पर चौतरफा हमला करने का फैसला किया है। मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party-NCP) के प्रमुख शरद पवार के साथ एक बैठक के बाद ममता ने बयान दिया कि, यूपीए को कोई वजूद नहीं रह गया है। जिसके बाद ममता बनर्जी और टीएमसी को कांग्रेस की ओर से कड़ी प्रतिक्रियायों का सामना करना पड़ रहा है। ममता बनर्जी के इस बयान की मुखालफत की अगुवाई खुद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही है।
मुंबई में एक कार्यक्रम दौरान टीएमसी प्रमुख ने कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय दल (Regional Party) एक साथ आते हैं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना बहुत आसान होगा। तृणमूल कांग्रेस कभी यूपीए या संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (United Progressive Alliance) का हिस्सा थी, जो कांग्रेस समेत कई पार्टियों का गठबंधन था, जो 2004 से 2014 तक 10 साल तक केंद्र में सत्ता में रही। जब भाजपा ने पूरी तरह से विपक्ष की कमान संभाल रखी थी।
इस साल की शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) चुनावों में टीएमसी की प्रचंड जीत के बाद, ममता लगातार राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विकल्प की वकालत कर रही हैं, लेकिन सीधे तौर पर कांग्रेस को टक्कर भी दे रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अखिल-राष्ट्रीय विस्तार या “समान विचारधारा वाले दलों” के साथ गठबंधन करने के प्रयास में हाल ही में ममता बनर्जी ने दिल्ली और मुंबई का दौरा किया, जहां उन्होनें समान विचारधारा वाले विभिन्न राजनीतिक संगठनों के आला नेताओं के साथ कई बैठकें की।
हालांकि वो अपनी हाल ही हुई यात्रा के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी से नहीं मिलीं। दिलचस्प बात ये है कि इस साल जुलाई में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान ममता बनर्जी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक ममता के बयान पर ज़ुबानी हमला करने का फैसला बुधवार (1 दिसंबर 2021) देर रात हुई बैठक में लिया गया। बुधवार की देर रात कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा हुई जिसमें तय हुआ कि पार्टी अब ममता पर बड़े ज़ुबानी हमले करेगी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) ने ममता बनर्जी और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के बीच बैठक को पुराने गठबंधन को कमजोर करने के लिये "प्रीप्लान साजिश" करार दिया और आरोप लगाया कि टीएमसी प्रमुख "भाजपा की ऑक्सीजन सप्लायर" बन गयी हैं।
कांग्रेस से अब तक अधीर रंजन चौधरी टीएमसी प्रमुख की तीखी आलोचना करने का बीड़ा उठा रहे थे क्योंकि उनका पश्चिम बंगाल में टीएमसी साथ पुरानी सियासी रज़िश (Old Political Rivalry) रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस और वाम दलों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी और बीजेपी के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ा था। अब तक कांग्रेस की यही रणनीति रही है कि विपक्षी एकता के नाम पर रिश्ते सुधारने की गुंजाइश हो। पार्टी का एक तबका भी लंबे समय से ममता के साथ तालमेल के पक्ष में रहा है।
सूत्रों के मुताबिक ममता पर राजनीतिक हमले करने की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला जैसे आला कांग्रेसी नेताओं को सौंपी गयी है। इस क्रम में दिग्विजय सिंह को खास जिम्मेदारी दी गयी थी क्योंकि वो खुले तौर पर कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं जैसे जगन मोहन रेड्डी, शरद पवार और के.चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं के साथ बातचीत के विकल्प की वकालत कर रहे थे। ऐसे में वो इन नेताओं और कांग्रेस आलाकमान के बीच बेहतरीन कोर्डिनेटर का काम कर सकते है।
टीएमसी प्रमुख पर निशाना साधते हुए युवा कांग्रेस प्रमुख बीवी श्रीनिवास ने ट्विटर पर लिखा, "मोदी जी से कोई भी सवाल पूछो, तुम देशद्रोही कहलाओगे.. ममता दी से कोई भी सवाल पूछो, तुम माओवादी कहलाओगे... क्या फर्क है दोनों में?"
मेघालय में भी कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा, जब उसके 17 में से 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये। इससे कांग्रेस सूबे में मुख्य विपक्ष दल बन गया। टीएमसी ने शामिल होने वाले कांग्रेसियों में मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा का नाम भी शामिल है। पिछले कई महीनों के दौरान कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वाले नेताओं की बाढ़ सी आ गयी है।
बीते सितंबर में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद टीएमसी में शामिल हो गए। फलेरियो के टीएमसी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के नौ अन्य नेता भी टीएमसी में शामिल हो गए। असम के सिलचर से कांग्रेस सांसद और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव इस साल अगस्त में टीएमसी में शामिल हुई थीं। उन्हें त्रिपुरा में टीएमसी के मामलों के लिये प्रभार सौंपा गया है।
इसके अलावा लुइज़िन्हो फलेरियो और सुष्मिता देव दोनों को टीएमसी में शामिल होने के बाद दोनों राज्यसभा सीटों से नवाज़ा गया। कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं। तंवर कभी राहुल गांधी के करीबी थे।