Kisan Andolan: घर वापसी की ओर प्रदर्शनकारी किसान, सिंघू और गाज़ीपुर बॉर्डर किया जा रहा है खाली

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Kisan Andolan: किसानों को बीते गुरुवार (9 दिसंबर 2021) को उनकी लंबित मांगों पर सहमति जताने के लिये केंद्र से औपचारिक पत्र मिलने के बाद, सिंघू सीमा पर किसानों ने खुशी ज़ाहिर की और कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने के बाद अपने घरों को लौटने की तैयारी की। इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) पंजाब के कार्यकारी सदस्य मनप्रीत सिंह ने कहा, “हमने एक साल के विरोध के संघर्ष के बाद ये लड़ाई जीती है। हमें खुशी है कि केंद्र सरकार हमारी लंबित मांगों को पूरा करने के लिये सहमत हो गई है। हम यहां पैकिंग कर रहे हैं और 11 दिसंबर को सुबह नौ बजे अपने घरों को लौट जायेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि, “हालांकि हम जीत का जश्न नहीं मनायेगें क्योंकि हमारे सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) तमिलनाडु हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं।” इस बीच बीकेयू के महासचिव हरविंदर सिंह (BKU general secretary Harvinder Singh) ने इस साल के विरोध प्रदर्शन में अपनी जान गंवाने वाले सभी 700 किसानों की मौत पर दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि- “हम निराश हैं कि इस विरोध प्रदर्शन के दौरान हमारे 700 किसानों की मौत हो गयी। केंद्र ने इसके लिये कुछ नहीं कहा है। जब कोई उच्च पद का अधिकारी अपनी जान गंवाता है तो सरकार उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट देती है। लेकिन किसानों के मामले में ऐसा नहीं हुआ। मैं चाहता हूं कि सभी 700 मृतक किसानों के साथ भी ऐसा व्यवहार किया जाये।

बता दे कि पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बीते बुधवार को ऐलान की कि वे अपने साल भर के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं और 11 दिसंबर को विरोध स्थलों (Protest Sites) को खाली कर देंगे। इसमें कहा गया है जहां तक ​​मुआवजे की बात है तो यूपी और हरियाणा ने इसके लिये सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

आगे रणनीति पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni) ने कहा कि, “हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।”

गौरतलब है कि इससे पहले 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा (Lok Sabha and Rajya Sabha) दोनों ने कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया गया था।

Show Comments (1)

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More