न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): हाल ही में बिहार पुलिस (Bihar Police) बेहद लापरवाह और लचर रवैया सामने आया है। जिसमें शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद पुलिस सुस्त बनी हुई है। मामला पश्चिम चंपारण के गम्हरिया गांव (Gamharia Village) का है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक कुछ स्थानीय दंबगों ने बेतिया बानुछापर के निवासी नीतीन कुमार रवि की फसल लूट ली। पीड़ित ने जब इस मामले का विरोध किया तो दंबगों ने उन्हें खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद पीड़ित ने एफआईआर गौनाहा थाना में दर्ज करवायी।
प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद जब ये बात अभियुक्तों तक पहुँची तो उन्होनें शिकायत वापस लेने के लिये नीतीन पर ज़बरन दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित पक्ष (Aggrieved Party) ने पुलिस में लिखित तहरीर दायर मामले से गौनाहा थाना समेत वरीय अधिकारियों से उचित कार्रवाई करने की दरख्वास्त लगायी। इस दरख्वास्त पर पुलिस की ओर से अभी तक कोई वाज़िब कार्रवाई नहीं की गयी है, जिसके कारण पीड़ित और उसके परिवार पर अब तक जान माल का खतरा बना हुआ है।
ट्रैड़ी न्यूज से बातचीत के दौरान नीतीन कुमार ने आपबीती बताते हुए कहा कि- बीते अक्टूबर महीने में गम्हरिया के मुजम्मिल शेख समेत आठ अज्ञात लोग उनके खेत में लगी फसल को काटकर लूट कर ले गये थे। जबकि फसल कटने के दौरान गौनाहा थाना को इसकी लिखित शिकायत दी गयी थी और थाने के दखल के बावजूद भी मुजम्मिल शेख उसके साथियों ने गैरकानूनी काम को अंज़ाम दिया। उनके रवैये को देखकर ऐसा लग रहा था कि उनमें पुलिस व्यवस्था का कोई डर ही नहीं है।
गौरतलब है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद थाना प्रभारी द्वारा पंचायती कर आरोपी द्वारा फसल लौटा दिये जाने का भरोसा पीड़ित पक्ष को दिया गया। लेकिन खबर लिखे जाने तक फसल की बरामदगी थाना नहीं कर पाया है।
बता दे कि बीते 25 नवंबर को नीतीन कुमार जब खेती कराने के लिए अपनी जमीन पर पहुंचे और जमीन की जुताई कराके वे लौट रहे थे तो आरोपित पक्ष अपने चार-पांच आदमियों के साथ मौके पर पहुंचा। जब उससे थाना प्रभारी का जिक्र करके फसल लौटाने की बात पूछी गयी तो वो बुरी तरह भड़क गया और जान से मारने की धमकी देने लगा। वहां से नीतीन अपनी जान बचाकर किसी तरह घर लौटे।
मामले पर गौनाहा के प्रभारी थानाध्यक्ष महेश सिंह (In-charge of Gaunaha, SHO Mahesh Singh) ने बताया कि उक्त भूखंड की स्थिति यथावत है। दोनों पक्षों की ओर से कोई भी काम उक्त भूखंड पर नहीं किया जा रहा है। एफआईआर हुए एक महीने से ज़्यादा का समय बीत गया है अब मामले पर वाज़िब कार्रवाई क्यों नहीं हुई? थाने के दखल के बावजूद चोरी हुए अनाज़ की बरामदगी क्यों नहीं हुई? आगे थाना की तरफ से इस मामले में क्या कार्रवाई की जा रही है? इन सभी सवालों से गौनाहा के प्रभारी थानाध्यक्ष महेश सिंह बचते नज़र आये। मौजूदा मामले से एक बात पूरी तरह साफ हो जाती है कि बिहार पुलिस के लचर रवैये से अपराधी भलीभांति परिचित है, इसी का फायदा उठाकर वो आम लोगों को परेशान करते है साथ ही उनमें कानून-व्यवस्था का डर खत्म हो गया है।