नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): दिल्ली पुलिस ने बीते सितंबर में रोहिणी कोर्ट शूटआउट (Rohini Court Shootout) में गोलीबारी के मामले में चार्जशीट दायर की और कहा कि अपराधियों को पेशेवर वकीले के तौर पर दिखने के लिए एक महीने की ट्रेनिंग दी गयी थी। बता दे कि 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट नंबर 207 में दो शूटरों ने जितेंद्र गोगी (Jitendra Gogi) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर भी मारे गये थे।
सूत्रों के मुताबिक रोहिणी गोलीबारी से एक दिन पहले 23 सितंबर को (निशानेबाज) उमंग और जगदीप ने मुरथल में बदमाश राकेश ताजपुरिया (Rakesh Tajpuria) से हथियार लिये थे, जिनका इस्तेमाल वारदात के दौरान किया गया था। फिर उसी दिन उमंग और जगदीप ने एम्स के पास एक शख्स से वकीलों की ड्रेस ली। इस बीच टिल्लू जेल से व्हाट्सएप कॉल के जरिये दोनों के लगातार संपर्क में बना रहा।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहले गोगी की सुरक्षा का आंकलन किया गया था। 13 सितंबर को जब गोगी को हर्षिता दहिया हत्याकांड (Harshita Dahiya murder case) में पानीपत कोर्ट में पेश किया गया था, तब उमंग और जगदीप गोगी उस दौरान वहां मौजूद थे। जिसके बाद दोनों ने टिल्लू को बताया कि गोगी सुरक्षा बहुत कड़ी है। ये बातचीत सिर्फ व्हाट्सएप या सिग्नल ऐप के जरिये हुई थी। इनमें से कई नंबर जाली दस्तावेजों के जरिये हासिल किये गये थे। टिल्लू को जेल में लगे टीवी से गोगी की हत्या के बारे में पता चला।
चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने मंडोली जेल में बंद टिल्लू (Tillu) द्वारा योजना तैयार करने से लेकर उसके पूरा होने तक की घटना की पूरी जानकारी दी है।