न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उत्तराखंड चुनाव से पहले कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) के “हाथ बंधे हुए” ट्वीट पर कटाक्ष किया। रावत सितंबर में कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी थे, जब अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ था। उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनावी अभियान (Congress Election Campaign) के बड़े चेहरे के तौर पर देखे जाने वाले रावत ने बीते बुधवार (22 दिसंबर 2021) को कांग्रेसी संगठन पर असहयोग का आरोप लगाया था।
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amarinder Singh) ने सिलसिलेवार तरीके से इस मामले पर कई ट्विट्स करते हुए मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होनें लिखा कि- “आप जो बोते हैं वही काटते हैं! आपके भविष्य के प्रयासों के लिये शुभकामनाएं (यदि कोई हो) हरीश रावत जी।”
पंजाब के पूर्व सीएम ने इस साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को लिखे एक खत में रावत को अब तक मिले सभी लोगों में "सबसे संदिग्ध व्यक्ति" करार दिया था। हरीश रावत ने बुधवार को अपने ट्वीट के जरिये उत्तराखंड कांग्रेस राज्य इकाई (Uttarakhand Congress State Unit) में फैली गुटबाजी पर नाराजगी ज़ाहिर की थी और कहा था कि ये बात उनके दिमाग में घूम रहा है कि "ये आराम करने का वक़्त है"।
रावत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि, “है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी (Lord Kedarnath) इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।”
कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) के सदस्य रावत कई मौकों पर कांग्रेस के लिये बड़े संकटमोचक साबित हुए हैं। कांग्रेस अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड की सत्ता में वापसी करने के लिये बेचैन है। रावत मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किये जाने के इच्छुक हैं। पार्टी नेताओं ने अब तक कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) "सामूहिक नेतृत्व" में लड़ा जायेगा। सूत्रों के मुताबिक रावत के 25 दिसंबर को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने की संभावना है।