नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): हाल ही में 17 और 19 दिसंबर को दिल्ली (Delhi) और हरिद्वार में आयोजित किये गये दो कार्यक्रमों में मुसलमानों के नरसंहार के लिये नफरत भरे भाषण (Hate Speech) और इस काम के लिये खुली तहरीर को मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना (Chief Justice of India NV Ramanna) को खत लिखकर इस मामले के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है।
दिल्ली कार्यक्रम में हुए कार्यक्रम का आयोजन हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini) द्वारा और हरिद्वार कार्यक्रम में आयोजित कार्यक्रम यति नरसिंहानंद (Yati Narasimhananda) द्वारा किया गया था। वकीलों ने अदालत से इन दोषी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120बी, 121ए, 124ए, 153ए, 153बी, 295ए और 298 के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
मामले को भुनाने के लिये तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress-TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ट्विटर पर एक खत साझा किया, जिसमें कोर्ट से मामले को गंभीरता से लेने और अतिवादी गुटों (Extremist Factions) के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने खत के कैप्शन में लिखा कि, “सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) से आग्रह है कि वकीलों द्वारा इस खत पर खासा ध्यान दिया जाये। जिसमें हाल ही में अभद्र भाषा के लिये स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है। निष्क्रियता के लिए कोई जगह नहीं है। कृपया जागो।”
खत में ये भी कहा गया है कि इन आयोजनों में इस्तेमाल की गयी अभद्र भाषा देश की एकता और अखंडता के लिये खतरा हैं और ये कई मुस्लिमों के जीवन को खतरे में डाल सकता हैं। नफरत भरे भाषण देने वाले लोगों के नामों का जिक्र करते हुए खत में लिखा गया है कि, “ऐसी घटनाएँ और उनके दौरान दिये गये भाषण सिर्फ अभद्र भाषा नहीं हैं, बल्कि पूरे समुदाय की हत्या के लिये एक खुला आह्वान है।”
खत पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid), अधिवक्ता दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर समेत अन्य लोगों ने भी साइन किये है। बता दे कि दिल्ली और हरिद्वार में दोनों जगह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिये गये और बड़े पैमाने पर नरसंहार और जातीय दंगों का आह्वान किया गया। अब तक उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिज़वी (Wasim Rizvi) के नाम से जाना जाता था, और अन्य को हरिद्वार में एक सम्मेलन में उनके कथित घृणास्पद भाषणों के लिये नामजद किया है।