नई दिल्ली (देवागंना प्रजापति): NEET-PG Counseling: दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सेंट्रल रेंज सुमन गोयल (Additional Commissioner Central Range Suman Goel) ने आज (28 दिसम्बर 2021) कहा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर लाठीचार्ज और फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया गया, दिल्ली पुलिस डॉक्टरों सबसे ज़्यादा सम्मान करती है। बता दे कि हाल ही में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (Federation of Resident Doctors Association-FORDA) और अन्य डॉक्टरों के संघों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान किया गया था।
मीडिया से बात करते हुए गोयल ने कहा कि, “कुछ डॉक्टरों ने सोमवार (27 दिसम्बर 2021) को विरोध करते हुए सुबह करीब 9:30 बजे आईटीओ जंक्शन जाम कर दिया। वे NEET-PG काउंसलिंग में देरी को लेकर अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।”
गोयल ने आगे बताया कि “मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी डॉक्टर, एडीजीपी और महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (Director General Health Services) निर्माण भवन पहुंचे, बावजूद इसके आईटीओ जंक्शन पर जाम लगा रहा। प्रदर्शनकारी डॉक्टर फिर से सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे। इस दौरान एहतियाती तौर पर कुछ डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया था। जिस तरह कई प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स दावा कर रहे है कि उनके साथ बदसलूकी और जोर जब़रदस्ती हुई, ये बात पूरी तरह बेबुनियादी बात है। मैं साफ करना चाहता हूं कि प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज और फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया गया। हम डॉक्टर्स का सबसे ज़्यादा सम्मान करते है। सोमवार को हुई गहमागहमी के दौरान हमारे कुछ ज़वान बुरी तरह जख़्मी हो गये और पुलिस की गड़ियों को भी नुकसान पहुँचा।”
इस बीच मांगों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और फोर्डा के डॉक्टरों के बारह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक चल रही है। एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA), और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने घटना के विरोध में 29 दिसंबर को स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है।
बता दे कि सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर दिल्ली में डॉक्टरों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं।