नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): पंजाब के फिरोजपुर जिले (Ferozepur district of Punjab) में एक विरोध प्रदर्शन के कारण 15 मिनट से ज्यादा समय तक फ्लाईओवर पर फंसे रहने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा बुधवार को रोक दी गयी। जिसके बाद गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पंजाब राज्य सरकार (Punjab State Government) से कथित ‘पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक’ पर रिपोर्ट मांगी।
जहां सत्तारूढ़ दल राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ खड़ा है, वहीं कांग्रेस और कई सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि विशेष सुरक्षा समूह या एसपीजी की एकमात्र जिम्मेदारी भारत के प्रधान मंत्री की रक्षा करना है।
इन सबके बीच पंजाब सरकार ने आज (6 जनवरी 2022) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में सुरक्षा चूक की जांच के लिये उच्च स्तरीय टीम का गठन किया। कमेटी तीन दिन में रिपोर्ट देगी। फिलहाल हम आपको बताने जा रहे है कि प्रधान मंत्री की सिक्योरिटी के लिये किस तरह के स्टैर्डंड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedure-SOP) का पालन किया जाता है।
एसपीजी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार है। एसपीजी एक्ट के मुताबिक पीएम ही एकमात्र व्यक्ति होगा जिसे एसपीजी का सुरक्षा कवच हासिल होगा। इस एलीट कमांडो फोर्स (Elite Commando Force) का काम है पीएम के करीबी रहते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान करना। जिसके तहत एसपीजी कमांडो (SPG Commando) का घेरा पीएम के इर्द-गिर्द बना रहता है। किसी भी राजनीतिक दौरे के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा की योजना बनाने से जुड़ा विस्तृत अभ्यास किया जाता है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियां और राज्य पुलिस बल (State Police Force) शामिल होते हैं।
प्रधान मंत्री की सुरक्षा के लिये व्यापक दिशा-निर्देशों को विशेष सुरक्षा समूह की ‘ब्लू बुक’ कहा जाता है। किसी भी प्लनैड दौरे से तीन दिन पहले एसपीजी, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है जरूरी अग्रिम सुरक्षा संपर्क (Advance Security Liaison-ASL) अपने पास रखता है।
संबंधित राज्य में खुफिया ब्यूरो (Intelligence Bureau) के अधिकारी, राज्य के पुलिस अधिकारी और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) सभी एएसएल में शामिल होते हैं। इस बैठक में सुरक्षा से जुड़े सभी विवरण पर चर्चा की जाती है। बैठक खत्म होने के बाद एएसएल रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसके आधार पर सुरक्षा के सारे इंतजाम किये जाते हैं।
पीएम के किसी राज्य के दौरे के दौरान स्थानीय पुलिस इस मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम का संचालन करती है, लेकिन इसकी निगरानी एसपीजी अधिकारी करते हैं।
तोड़फोड़-रोधी जांच (Anti-Sabotage Investigation) और पीएम के करीब आने वाले लोगों की तलाशी इन सभी को विशेष सुरक्षा समूह द्वारा अंज़ाम दिया जाना जरूरी होता है। हालांकि आसपास की सुरक्षा एसपीजी की जिम्मेदारी है, लेकिन जब पीएम यात्रा करते हैं तो सुरक्षा परिधि राज्य पुलिस द्वारा भी सुरक्षित की जाती है।
प्रधानमंत्री जिस रास्ते पर जाने वाले हैं, उसे राज्य पुलिस द्वारा अंतिम रूप दिया जाना चाहिये और उसे साफ किया जाना चाहिए और फिर एसपीजी के साथ साझा किया जाना चाहिये। अगर प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिये हेलिकॉप्टर की सवारी करने वाले हैं तो कम से कम एक वैकल्पिक सड़क मार्ग (यदि अधिक नहीं हो तो) तैयार रखा जाता है।