न्यूज़ डेस्क (उत्तर प्रदेश): कैराना (Kairana) विधानसभा चुनाव में सपा के उम्मीदवार नाहिद हसन (Naheed Hassan) पर बीजेपी के हमले तेज होने के साथ ही उनकी बहन इकरा अब चुनावी मैदान में कूद पड़ी हैं। गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा के चुनाव सात चरणों में होने है और कैराना में पहले चरण में मतदान होना सुनिश्चित हुआ है। इकरा हसन ने 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन शुक्रवार को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया।
मीडिया से ख़ास बातचीत के दौरान इकरा ने कहा कि, “मुझे इस सरकार पर भरोसा नहीं है। वे मेरे भाई और मेरे परिवार को रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। एहतियात के तौर पर, मैंने अपने कागजात दाखिल करने का फैसला किया है।”
बता दें कि 28 वर्षीया लंदन से मास्टर डिग्री हासिल कर हाल ही में लौटी हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले जब से उसे गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया, तब से वह अपने भाई नाहीद के लिए प्रचार कर रही है। कैराना से पूर्व सांसद और इकरा की मां तबस्सुम हसन को भी एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया है। हसन परिवार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के खिलाफ भाजपा के "गुंडराज" कथा के केंद्र में रहा है।
जानिए क्या है Naheed Hassan पर बीजेपी का आरोप
शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने नाहीद हसन का एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें वह स्थानीय पुलिस के फरमान को चुनौती देते हुए नजर आ रहे हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि कैराना से हिंदुओं का पलायन इसी "गुंडाराज" के कारण हुआ, जिसका इकरा हसन ने खंडन किया है। इकरा ने कहा कि “कोई पलायन नहीं था और नहीं है। हुकुम सिंह जी (कैराना से भाजपा के पूर्व सांसद) ने भी यह आरोप वापस ले लिया था।
जानिए कौन है Iqra Hassan
इकरा कैराना के पूर्व विधायक मुनव्वर और तबस्सुम हसन की बेटी और कैराना विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन हैं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) से इतिहास में स्नातक की पढ़ाई की, और लॉ फैकल्टी से स्नातकोत्तर के बाद यूनाइटेड किंगडम के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में चली गईं। वह एक साल पहले लौटी है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद इकरा ने सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरीं।