ऑटोमोबाइल डेस्क (राम अजोर): क्या आप सेकेंड हैंड कार (Second Hand Car) में खरीदने करने की प्लानिंग बना रहे हैं, लेकिन मौजूदा डील्स आपको कनविंस नहीं कर पा रही हैं? अगर ऐसा है तो इन टिप्स को आजमाये। इनकी मदद से आप सेकेंड-हैंड कार खरीदने में बेहतरीन डील कर पायेगें। क्योंकि एक टेस्ट ड्राइव (Test Drive) ही काफी नहीं है!
कार की आवाज पर दें ध्यान
कार स्टार्ट करें और इसे न्यूट्रल गियर पर छोड़ दें। उसके बाद अंदर बैठें और केबिन में आवाज और वाइब्रेशन पर ध्यान दें। अब विंडो खोलें और एक्सीलरेटर को कम करते हुए और ज़्यादा करते हुए आवाज़ को ध्यान से सुनें। अगर आपको किसी भी तरह की एक्सट्रा नॉइज और वाइब्रेशन (Extra Noise And Vibration) महसूस हो तो कार डीलर से बात करें। कन्फर्म करें कि आप अपना टेस्ट ड्राइव जल्दबाजी में न करें। रियल टाइम कंडिशन (Real Time Condition) जानने के लिये कार को कम से कम 20 किलोमीटर तक चलायें।
कार के धुएं की करें जाँच
एक और चीज जो आपको पुरानी कार खरीदते समय ध्यान देने की जरूरत है। वो है उसकी फिटनेस का ध्यान रखना। कार के साइलेंसर से निकलने वाले धुएं के रंग पर ध्यान दें। अगर धुएं का रंग नीला या काला है तो ये इंजन में खराबी की वज़ह हो सकता है। साथ ही इंजन में ऑयल लीकेज से जुड़ी समस्या हो सकती है। टेस्ट ड्राइव के दौरान ध्यान दें कि तेल या तार जलने की कोई दुर्गंध नहीं होनी चाहिये। आप किसी अच्छे मैकेनिक को भी कार दिखाकर इंजन की जांच करा लें।
फाइनेंस पॉलिसी की करें जाँच
सेकेंड-हैंड कार खरीदने से पहले सबसे अहम चीजों में से एक दस्तावेज की जांच करना है। कार के बीमा मूल्य पर खासा ध्यान दें। इस तरह आप कीमतों में मोलभाव कर सकते हैं। साथ ही दुर्घटना या किसी दूसरी वज़ह से मरम्मत और रखरखाव पर हुए खर्च के बारे में ज़्यादा जानने के लिये आप पिछले दो से तीन सालों में नो क्लेम बोनस (No Claim Bonus) ट्रैक कर सकते है।
तो अगली बार जब आप सेकेंड हैंड कार खरीदें, तो स्मार्ट खरीदार बनें और सिर्फ टेस्ट ड्राइव न करें!